Oman Cricket ने खिलाडियों को क्यों किया देश छोड़ने पे मजबूर,आखिर क्या है सच्चाई ?

By Juhi Singh

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जब हम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों की ज़िंदगी की बात करते हैं, तो अक्सर हमारी आंखों के सामने चमक-दमक, बड़ी-बड़ी स्पॉन्सरशिप डील्स और करोड़ों की इनामी राशि घूमने लगती है। हमें लगता है कि जो एक बार देश की जर्सी पहन ले, उसकी ज़िंदगी संवर जाती है। लेकिन ओमान क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों की हालिया कहानी इस सोच को पूरी तरह से झुठला दी है।

टी20 वर्ल्ड कप 2024 में खेलने के बाद, ओमान को आईसीसी की ओर से 2,25,000 डॉलर (करीब 1.93 करोड़ रुपये) की इनामी राशि मिली थी। लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी यह रकम उन 15 खिलाड़ियों तक नहीं पहुंची या यूं कहे की उनमें बाटी नहीं गयी। जिन्होंने इस टूर्नामेंट में देश का प्रतिनिधित्व किया। उल्टा, जब खिलाड़ियों ने सवाल उठाया, तो उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया, उनके कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिए गए और कुछ को तो देश तक छोड़ने पर मजबूर कर दिया गया।

बता दें भारत में जन्मे बल्लेबाज कश्यप प्रजापति, जिन्होंने ओमान के लिए 37 वनडे और 47 टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले, एक रिपोर्ट के मुताबिक कश्यप प्रजापति ने बताया “इस मुद्दे ने हमारी ज़िंदगी उलट-पुलट कर दी है। हमने टीम में अपनी जगह खो दी, कॉन्ट्रैक्ट रद्द हो गए, और अब हमें देश छोड़ना पड़ रहा है।” यह सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, एक पूरे ग्रुप की कहानी है। कश्यप प्रजापति ने यह भी बताया कि ओमान के खिलाड़ियों को 2021 सीजन से कभी भी पुरस्कार राशि नहीं मिली। क्योंकि उन्हें तब ऐसी किसी चीज की जानकारी नहीं थी। वर्तमान में अपने लिए भविष्य सुरक्षित करने की उम्मीद में अमेरिका आ गए हैं। वहीं तेज गेंदबाज फैयाज बट, जो 30 वनडे और 47 टी20I खेल चुके हैं, उनका भी वीजा रद्द कर दिया गया। खाड़ी देशों में खिलाड़ी ज्यादातर रोजगार वीज़ा पर होते हैं।

वहीं जो आईसीसी की नीति है उसके अनुसार टूर्नामेंट खत्म होने के 21 दिनों के भीतर बोर्ड को अपने खिलाड़ियों में इनामी राशि बांटनी होती है। आईसीसी ने पुष्टि की है कि ओमान को भुगतान किया जा चुका है। लेकिन खिलाड़ियों को अब तक कुछ भी नहीं मिला। वहीं World Cricketers Association के अनुसार, कुछ अन्य देशों में भी प्राइज मनी देने में देरी हुई है, लेकिन ओमान इकलौता ऐसा बोर्ड है जिसने एक साल बाद भी खिलाड़ियों को एक पैसा नहीं दिया। और बोर्ड ने खिलाड़ियों को अपना पक्ष रखने तक की अनुमति नहीं दी .

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