गावस्कर ने बताया क्यों विराट-रोहित ने लिया रिटायरमेंट

By Anjali Maikhuri

Published on:

सुनील गावस्कर ने विराट कोहली और रोहित शर्मा की टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर इंग्लैंड दौरा तीन टेस्ट का होता, तो दोनों खिलाड़ी खेलते। गावस्कर ने ऑस्ट्रेलिया दौरे की असफलता को भी रिटायरमेंट के फैसले से जोड़ते हुए कहा कि खिलाड़ी अपनी क्षमताओं पर संदेह करने लगते हैं।

भारत के पूर्व खिलाड़ी सुनील गावस्कर अक्सर अपने तीखे बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं और जब भारत के कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से अपनी रिटायरमेंट की घोषणा की तो इस बात से हर कोई दुखी था और दोनों के लिए फैंस क्रिकेट विशेषज्ञ और पूर्व क्रिकेटर्स ने दोनों ही खिलाड़ियों के लिए भावुक पोस्ट की और विराट की रिटायरमेंट की घोषणा के एक दिन बाद सुनील गावस्कर ने दोनों की रिटायरमेंट पर बात करते हुए अब एक बड़ा बयान दिया है।

विराट कोहली की टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट ने क्रिकेट जगत को हिला दिया है , हर कोई हैरान है की आखिर विराट कोहली ने इतने जल्दी टेस्ट क्रिकेट को अलविदा क्यों कहा, और बहुत सी खबरें ऐसी भी हैं की विराट इस फॉर्मेट से इतने जल्दी रिटायरमेंट नहीं लेना चाहते थे।

गावस्कर ने एक चैनल के माध्यम से अपनी बात सामने रखते हुए कहा कि अगर इंग्लैंड के खिलाफ पांच के बजाय तीन टेस्ट का दौरा होता तो दोनों खिलाड़ी खेलते।

गावस्कर ने कहा,

“भारतीय क्रिकेट में हम सभी चाहते थे कि वे खेलते रहें। अगर आपको कोई फैसला लेना है, तो वे ही ऐसा कर सकते हैं। शायद उन्होंने तय किया कि अगर यह 3 मैचों की सीरीज होती, तो कहानी अलग होती। लेकिन शायद यह 6 सप्ताह में 5 टेस्ट मैच होने के कारण कोई ब्रेक नहीं है, शायद इसीलिए उन्होंने ऐसा किया,”

गावस्कर ने बताया कि कैसे खिलाड़ी अक्सर अपनी क्षमताओं पर संदेह करना शुरू कर देते हैं, खासकर ऑस्ट्रेलिया जैसे खराब दौरे के बाद, जहां रोहित और कोहली दोनों ही असफल रहे थे।

गावस्कर ने आगे कहा,

“ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद बहुत सारे खिलाड़ियों से सवाल पूछे गए, सिर्फ 1-2 खिलाड़ियों से नहीं बल्कि गेंदबाजी या बल्लेबाजी से जुड़े सभी लोगों से। पहला टेस्ट जीतने के बाद सभी ने सोचा कि भारत लगातार तीसरी बार ऑस्ट्रेलिया में सफल होगा। ऐसा नहीं हुआ, इसलिए निश्चित रूप से सवाल पूछे गए।”

“और कभी-कभी आप खुद से ये सवाल पूछते हैं, क्या मुझमें अभी भी वो योग्यता है, क्या मुझे इससे संतुष्टि मिल रही है। जब आप ये सवाल पूछना शुरू करते हैं, तो आप खुद से कहने लगते हैं कि अगर मैं खुद को हटा लूँ, तो यह बेहतर होगा। उन विचारों को खत्म करना मुश्किल है,”

Exit mobile version