Ranji Trophy इतिहास का सबसे छोटा मैच: सिर्फ 90 ओवर में 32 विकेट और दो हैट्रिक

By Anjali Maikhuri

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Shortest Ranji Trophy match

Shortest Ranji Trophy match: Ranji Trophy 2025-26 के दूसरे राउंड में Assam vs Services के बीच खेला गया मैच कुछ ही घंटों में इतिहास बन गया। Tinsukia में खेले गए इस मुकाबले में सिर्फ 90 ओवर (चार सेशन) में ही नतीजा निकल आया।
पुरे मैच में 32 विकेट गिरे, दो हैट्रिक हुईं और दोनों टीमों ने मिलकर सिर्फ 359 रन बनाए।

यह मुकाबला Ranji Trophy के इतिहास में सबसे छोटा पूरा हुआ मैच बन गया, यानी ऐसा मैच जिसमें दोनों पारियाँ खत्म हुईं और नतीजा भी निकला। इससे पहले यह रिकॉर्ड 1961-62 सीजन में दिल्ली और रेलवे के बीच हुए मुकाबले के नाम था, जो 547 गेंदों में समाप्त हुआ था। Tinsukia का यह मैच सिर्फ 540 गेंदों में खत्म होकर नया रिकॉर्ड बन गया।

हालांकि समय के हिसाब से सबसे छोटा मैच अब भी 1934 में मद्रास और मैसूर के बीच खेला गया पहला रणजी मैच है, जो सिर्फ एक दिन में 100.5 ओवर में समाप्त हो गया था।

Shortest Ranji Trophy match: पहले दिन 25 विकेट गिरे, दूसरे दिन निपटा खेल

Riyan parag

टिनसुकिया डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स एसोसिएशन ग्राउंड में जब यह मुकाबला शुरू हुआ, किसी ने नहीं सोचा था कि यह इतना छोटा चलेगा। पहले दिन ही गेंदबाज़ों का बोलबाला रहा और 25 विकेट गिर गए।

अगली सुबह असम की टीम सिर्फ 75 रन पर ढेर हो गई और सर्विसेज़ ने 13.5 ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर लिया। इस तरह सर्विसेज़ ने मुकाबला आठ विकेट से जीत लिया।

पहले दिन की शुरुआत में ही सर्विसेज़ के गेंदबाज़ों ने असम कप्तान Riyan Parag का टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला गलत साबित कर दिया। लेफ्ट-आर्म स्पिनर अर्जुन शर्मा ने पहले ही Assam की कमर तोड़ दी। उन्होंने लगातार तीन विकेट लेकर इस सीजन की पहली हैट्रिक पूरी की Riyan Parag, विकेटकीपर सुमित गाढ़िगांवकर और सिबसंकर रॉय उनके शिकार बने।

उनके बाद बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ मोहित जांगरा ने भी धमाका किया। उन्होंने प्रद्युन सैकिया (52 रन, 42 गेंद, 6 छक्के) को आउट कर पारी का रुख पलट दिया और फिर लगातार दो गेंदों पर मुख्तर हुसैन और भार्गव लखर को आउट कर अपनी पहली फर्स्ट क्लास हैट्रिक ली। अर्जुन ने इस पारी में कुल 5 विकेट (5/46) लिए।

Shortest Ranji Trophy match:एक ही पारी में दो हैट्रिक का अनोखा कारनामा

Shortest Ranji Trophy match

रणजी ट्रॉफी के लगभग 91 साल के इतिहास में यह पहला मौका था जब एक ही पारी में दो अलग गेंदबाज़ों ने हैट्रिक ली।
इससे पहले केवल जोगिंदर सिंह राव ने 1963 में सर्विसेज़ की ओर से खेलते हुए एक ही पारी में दो हैट्रिक लेने का रिकॉर्ड बनाया था। लगभग छह दशक बाद सर्विसेज़ के दो गेंदबाज़ों ने मिलकर उसी टीम के लिए नया इतिहास रच दिया।

पहली पारी में असम सिर्फ 103 रन पर सिमटी। जवाब में सर्विसेज़ की शुरुआत भी कुछ खास नहीं रही। कप्तान रियान पराग ने खुद गेंदबाज़ी संभाली और पहले ही ओवर में दो विकेट लेकर मैच को रोमांचक बना दिया। इसके बाद उन्होंने एक ही ओवर में तीन विकेट चार गेंदों में लेकर हैट्रिक के बेहद करीब पहुँच गए।

पराग की यह शानदार गेंदबाज़ी और उनके साथी राहुल सिंह की धारदार लाइन-लेंथ ने सर्विसेज़ को भी जल्दी समेट दिया। दोनों पारियाँ सिर्फ 47 ओवरों में पूरी हो गईं, जिससे दर्शक भी हैरान रह गए।

नतीजा: गेंदबाज़ों का दिन और रिकॉर्ड की बरसात

यह मुकाबला रणजी ट्रॉफी के इतिहास में एक अनोखी मिसाल बन गया है। इतनी तेज़ी से नतीजा निकलना भारतीय घरेलू क्रिकेट में बहुत कम देखने को मिलता है।

टिनसुकिया की पिच पर बल्लेबाज़ों की कोई जगह नहीं रही गेंदबाज़ों ने पूरी तरह राज किया। दो हैट्रिक, एक पांच विकेट का प्रदर्शन और 32 विकेट इन सबने इस मैच को रणजी इतिहास के सबसे यादगार पलों में शामिल कर दिया।

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