R Ashwin on Gautam Gambhir: ऑस्ट्रेलिया दौरे की शुरुआत भारतीय टीम के लिए निराशाजनक रही। पर्थ में खेले गए पहले वनडे मैच में टीम इंडिया को 7 विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद जहां खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर सवाल उठे, वहीं अब टीम के हेड कोच गौतम गंभीर की रणनीतियां भी चर्चा का विषय बन गई हैं। टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ी और पूर्व उपकप्तान आर अश्विन ने गंभीर की टीम चयन नीति पर खुलकर सवाल खड़े किए हैं।
अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए गए वीडियो में आर अश्विन ने कहा कि गौतम गंभीर जिस तरह की टीम मैदान पर उतार रहे हैं, उससे फायदा कम और नुकसान ज्यादा हो रहा है। अश्विन के मुताबिक, “टीम इंडिया में कुछ फैसले ऐसे लिए जा रहे हैं जिनका असर खिलाड़ियों के आत्मविश्वास पर पड़ रहा है। यह केवल रणनीतिक नहीं, बल्कि मानसिक स्तर पर भी नुकसानदायक साबित हो सकते हैं।
R Ashwin on Gautam Gambhir: कुलदीप यादव के मामले में चेतावनी
अश्विन ने विशेष तौर पर कुलदीप यादव का ज़िक्र किया और कहा कि उन्हें लगातार मौका न देना गलत संदेश भेजता है। उन्होंने कहा, जब किसी खिलाड़ी को बार-बार बाहर किया जाता है, तो उसके मन में सवाल उठता है — ‘क्या मैं टीम की हार की वजह हूं?’ मुझे यकीन है कि कुलदीप भी इस दौर से गुजर रहे होंगे। उन्होंने हाल के मैचों में शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन फिर भी उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा गया।
ये फैसला टीम के भीतर बहस का कारण बन सकता है। अश्विन का मानना है कि भारत के पास वर्तमान में कुलदीप जैसा प्रभावशाली स्पिनर बहुत कम है, और उन्हें हर मैच में मौका मिलना चाहिए था।
गंभीर को ऑलराउंडर के जुनून से बाहर आना होगा
आर अश्विन ने गौतम गंभीर को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें “ऑलराउंडर्स के प्रति अपने जुनून” को थोड़ा कम करना चाहिए और गेंदबाजी पर ध्यान देना चाहिए। अश्विन बोले, मुझे समझ नहीं आता कि आखिर कितने ऑलराउंडर्स चाहिए? आपके पास पहले से ही तीन विकल्प हैं। नीतीश रेड्डी जैसे खिलाड़ी टीम में हैं, फिर भी अगर आप अपने बेस्ट गेंदबाजों को नहीं उतार रहे, तो ये समझ से परे है। उन्होंने आगे कहा कि टीम की बल्लेबाजी में गहराई लाने की कोशिश अच्छी है, लेकिन अगर उसका असर गेंदबाजी की ताकत पर पड़े, तो यह टीम की हार की वजह बन सकता है।
अगर बल्लेबाजी में गहराई चाहिए, तो बल्लेबाजों को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। लेकिन अपने बेस्ट गेंदबाजों को बाहर रखना किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं है। अश्विन के बयानों से साफ है कि टीम के भीतर संतुलन को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। बल्लेबाजों की भरमार और स्पिन विकल्पों की कमी ने भारत की गेंदबाजी को कमजोर कर दिया है, जिसका नतीजा पहले वनडे की हार में देखने को मिला। पर्थ जैसे तेज़ पिच वाले मैदान पर भारत की गेंदबाजी न सिर्फ धारहीन दिखी, बल्कि रणनीति भी असंतुलित लगी।
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