Mohammed Shami on Team India: भारतीय क्रिकेट टीम इस समय अपने सबसे बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है। टीम में एक तरफ जहां नए चेहरों को मौका मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर कई अनुभवी खिलाड़ी या तो रिटायरमेंट ले चुके हैं या टीम से बाहर चल रहे हैं। विराट कोहली और रोहित शर्मा ने टेस्ट और टी20 क्रिकेट से अलविदा कह दिया है, जबकि वनडे में वे अभी भी टीम का हिस्सा हैं।
लेकिन इन बदलावों के बीच एक नाम जो लगातार चर्चा में बना हुआ है। वो है Mohammed Shami। शमी, जो भारत के सबसे भरोसेमंद तेज़ गेंदबाज़ों में गिने जाते हैं, को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम में जगह नहीं मिली, और अब उन्होंने इसको लेकर खुलकर नाराज़गी जताई है।
Mohammed Shami on Team India: Ranji Trophy के बीच शमी का बड़ा बयान
इन दिनों शमी बंगाल की टीम के साथ रणजी ट्रॉफी में खेल रहे हैं। उनकी टीम का पहला मुकाबला उत्तराखंड के खिलाफ होना है। मैच से पहले कोलकाता के ईडन गार्डन्स में प्रैक्टिस सेशन के दौरान शमी ने मीडिया से बातचीत की और टीम में जगह न मिलने पर बड़ा बयान दिया। शमी ने कहा मैंने पहले भी कहा है कि सेलेक्शन मेरे हाथ में नहीं है। अगर फिटनेस का मसला है तो मुझे बंगाल के लिए नहीं खेलना चाहिए। मैंने चैंपियंस ट्रॉफी 2025, IPL 2025 और दलीप ट्रॉफी खेली है और मैं अच्छे टच में हूं।
मैं 50 ओवर का क्रिकेट भी खेल सकता हूं।
उन्होंने आगे कहा अगर मैं चार दिन का खेल (फर्स्ट क्लास क्रिकेट) खेल सकता हूं, तो मैं 50 ओवर का क्रिकेट भी खेल सकता हूं। अगर फिटनेस अपडेट की बात है, तो वो मुझे नहीं, उन्हें (सेलेक्टर्स या एनसीए) मांगनी चाहिए। अपडेट देना मेरी जिम्मेदारी नहीं है। मेरा काम तैयारी करना और मैच खेलना है। शमी के इन बयानों से साफ है कि वे कोचिंग स्टाफ और सिलेक्टर्स से नाराज़ हैं।
उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि टीम में फिटनेस को बहाना बनाकर उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है, जबकि उन्होंने खुद हाल के टूर्नामेंट्स में बढ़िया प्रदर्शन किया है। गौरतलब है कि 2023 वर्ल्ड कप में शानदार गेंदबाज़ी के बाद शमी चोटिल हो गए थे। उसके बाद से उन्हें बहुत सीमित मौके मिले। बीच में एक-दो सीरीज में वापसी करने के बावजूद वे स्थायी जगह नहीं बना पाए।
शमी का लक्ष्य 2027 वर्ल्ड कप
शमी ने यह भी साफ किया कि वे रिटायरमेंट के बारे में नहीं सोच रहे हैं। उनका सपना है कि वे 2027 वर्ल्ड कप तक भारत के लिए खेलें। उन्होंने कहा था कि भारतीय टीम के लिए खेलना अब भी उनका सपना है और वे तब तक मेहनत करते रहेंगे जब तक खुद महसूस न करें कि उनका समय खत्म हो गया है. विराट-रोहित के रिटायरमेंट के बाद से टीम इंडिया में कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
शुभमन गिल को वनडे की कप्तानी सौंपी गई है और कई नए खिलाड़ी जैसे यशस्वी जायसवाल, हर्षित राणा और नीतीश रेड्डी को मौका मिला है। ऐसे में अनुभवी खिलाड़ियों के लिए वापसी की राह अब और मुश्किल होती जा रही है।
Also Read: 304 दिन के बाद भी नहीं सुधरे Prithvi Shaw, वापसी के साथ ही 0 पर हुए ढेर