Harshit Rana criticism: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेले गए तीसरे और आखिरी ODI मैच में तेज गेंदबाज Harshit ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी गेंदबाजी से सभी को चौंका दिया, 8.4 ओवर में 39 रन देकर 4 विकेट हासिल किए। Harshit ने सिर्फ गेंद से ही नहीं बल्कि बल्ले से भी टीम के लिए अहम योगदान दिया है। दूसरे वनडे में उनके छोटे लेकिन जरूरी रन ने टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया था।
हालांकि, मैदान के बाहर कुछ लोग अब भी यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या Rana को भारतीय ODI टीम में जगह मिलनी चाहिए थी या नहीं। कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के इस तेज गेंदबाज ने अपने प्रदर्शन से इन सवालों का जवाब देने की ठानी है। इस बीच टीम के Head Coach Gautam Gambhir ने भी Harshit Rana को लेकर एक साफ संदेश दिया है।
Harshit Rana criticism: Gautam Gambhir ने दी थी Rana को Warning
Harshit Rana के बचपन के कोच श्रवण कुमार ने बताया कि Gautam Gambhir और Harshit Rana के बीच हुई बातचीत में गंभीर ने उसे साफ Warning दी थी
“Perform कर, वर्ण वरना बैठा दूंगा.” यानी “अच्छा प्रदर्शन कर, वरना बाहर बैठना पड़ेगा।”
अपने Performance से सभी आलोचनाओं को शांत करना चाहता हूँ : Harshit Rana
Shravan Kumar ने TOI से बातचीत में बताया कि Harshit ने खुद उन्हें फोन किया और कहा कि वह अपने प्रदर्शन से सभी आलोचनाओं को शांत करना चाहता है। श्रवण ने उसे सिर्फ एक बात कही “खुद पर भरोसा रखो।” उन्होंने आगे बताया कि कई लोग यह कहते हैं कि Harshit Rana गंभीर के करीब है, लेकिन गंभीर हमेशा टैलेंट को पहचानते हैं और उन्हें सपोर्ट करते हैं। उन्होंने कई ऐसे खिलाड़ियों का साथ दिया है जिन्होंने आगे चलकर अपनी टीमों के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया।
Gautam Gambhir ने Harshit को डांट भी लगाई ताकि वह समझ सके कि टीम में बने रहना आसान नहीं है। यह Gautam Gambhir का तरीका है खिलाड़ियों को बेहतर बनाने का चाहे वह कोई भी हो, सबके लिए नियम एक ही हैं।
सिर्फ 23 साल की उम्र में Harshit Rana ने क्रिकेट में कई चुनौतियों का सामना किया है। कुछ लोगों ने तो उन्हें नेपोटिज़्म का शिकार तक कहा, क्योंकि उनका नाम गौतम गंभीर से जुड़ा है। इस पर उनके कोच श्रवण कुमार का कहना है कि, “उसे थोड़ा समय दो, वह खुद अपने प्रदर्शन से सबको जवाब देगा।”
श्रवण ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर और 1983 वर्ल्ड कप विजेता कृष्णमाचारी श्रीकांत पर भी नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि, “श्रीकांत जी ने एक बच्चे की कड़ी आलोचना की। रिटायरमेंट के बाद कई क्रिकेटर अपने यूट्यूब चैनल चलाते हैं, लेकिन किसी नए खिलाड़ी पर सिर्फ व्यूज़ के लिए निशाना साधना गलत है। सीनियर खिलाड़ियों को गाइड करना चाहिए, डांटना भी ठीक है, पर किसी के करियर की शुरुआत में उसका मनोबल नहीं तोड़ना चाहिए।”
हरशित राणा का यह प्रदर्शन इस बात का सबूत है कि मेहनत और आत्मविश्वास से किसी भी आलोचना का जवाब दिया जा सकता है। अब यह युवा गेंदबाज आने वाले मैचों में अपने प्रदर्शन से यह साबित करना चाहता है कि टीम इंडिया में उसकी जगह पूरी तरह से उसकी काबिलियत की वजह से है।
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