
शादाब जकाती ने आरसीबी की ट्रॉफी जीतने में असफलता का कारण बताया। उन्होंने कहा कि आरसीबी में 2-3 खिलाड़ियों पर ज्यादा ध्यान दिया गया, जबकि टीम गेम में एकजुटता और सही मैनेजमेंट जरूरी है। चेन्नई सुपर किंग्स में भारतीय और विदेशी खिलाड़ियों का सही संतुलन था, जो उन्हें ट्रॉफी जीतने में मदद करता था।
गोवा के स्पिनर शादाब जकाती, जिन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के लिए दो बार आईपीएल ट्रॉफी जीती, ने हाल ही में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) में अपने अनुभव के बारे में खुलकर बात की। 2014 में आरसीबी से जुड़ने के बावजूद उन्हें केवल एक ही मैच खेलने का मौका मिला, और अब एक दशक बाद उन्होंने बताया कि आरसीबी आईपीएल ट्रॉफी क्यों नहीं जीत पाई।
"2-3 खिलाड़ी ट्रॉफी नहीं जिता सकते"
जकाती ने स्पोर्ट्सकीड़ा से बातचीत में कहा, "क्रिकेट एक टीम गेम है, और अगर आपको ट्रॉफी जीतनी है, तो टीम को एकजुट होकर खेलना होगा। सिर्फ 2-3 खिलाड़ी मिलकर ट्रॉफी नहीं जीत सकते। चेन्नई में भारतीय और विदेशी खिलाड़ियों का अच्छा संतुलन था, और टीम मैनेजमेंट ने सही कॉम्बिनेशन बनाया था। आरसीबी में, जहां मैं था, मैनेजमेंट का ध्यान मुख्य रूप से 2-3 खिलाड़ियों पर ही था।"
जकाती ने बताया कि उन्होंने आरसीबी में केवल एक मैच खेला, जिसमें उन्होंने 3.4 ओवर में 41 रन दिए थे। इसके बावजूद उन्होंने बताया कि आरसीबी के खिलाड़ी तो अच्छे थे, लेकिन टीम में एकजुटता की कमी थी। "टीम मैनेजमेंट और ड्रेसिंग रूम का माहौल बहुत अलग था। खिलाड़ी अच्छे थे, लेकिन तालमेल नहीं था। टीम के अंदर आपसी सामंजस्य की कमी थी," उन्होंने कहा।
सीएसके की टीम को लेकर जकाती ने अपनी राय जाहिर करते हुए कहा, "टीम मैनेजमेंट की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। चेन्नई की मैनेजमेंट शानदार थी, वे खिलाड़ियों का ख्याल पूरी तरह से रखते थे। ये छोटी-छोटी बातें टीम के प्रदर्शन में बड़ा फर्क डालती हैं। यही वो अंतर था, जो सीएसके और आरसीबी के बीच था।"
आईपीएल में जकाती का योगदान
शादाब जकाती ने 2010 और 2011 में सीएसके के लिए आईपीएल ट्रॉफी जीतने में अहम भूमिका निभाई। 2010 के फाइनल में उन्होंने मुंबई इंडियंस के सचिन तेंदुलकर का अहम विकेट लिया था और सीएसके को 22 रन से जीत दिलाई थी। वहीं, 2011 के फाइनल में उन्होंने आरसीबी के एबी डिविलियर्स को आउट किया और सीएसके को दूसरी बार ट्रॉफी दिलवाने में मदद की थी।
आईपीएल में जकाती का करियर शानदार रहा, लेकिन 2017 के बाद से उन्होंने आईपीएल में कोई मैच नहीं खेला। अब, 44 साल की उम्र में, वे एशियन लीजेंड्स लीग 2025 में इंडिया रॉयल्स टीम का हिस्सा हैं।
उन्होंने आरसीबी और सीएसके के बीच के अंतर को बड़े अच्छे तरीके से समझाया और दिखाया कि किस तरह एकजुट टीम और सही मैनेजमेंट ही ट्रॉफी जीतने का मुख्य कारण हो सकता है।