ओवल के ऐतिहासिक मैदान पर भारतीय क्रिकेट टीम ने एक और यादगार पन्ना जोड़ दिया है। 5 टेस्ट मैचों की रोमांचक सीरीज के आखिरी मुकाबले में भारत ने इंग्लैंड को 6 रन से हराकर न सिर्फ मुकाबला अपने नाम किया, बल्कि सीरीज को 2-2 की बराबरी पर समाप्त कर अपने जज्बे और जुझारूपन का परिचय दिया। इस जीत के नायक बने मोहम्मद सिराज, जिन्होंने दूसरी पारी में 5 और पूरे मैच में कुल 9 विकेट लेकर भारत की जीत की नींव रखी। ओवल टेस्ट के पांचवें और अंतिम दिन मुकाबला बेहद रोमांचक मोड़ पर था। इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन चाहिए थे और भारत को 4 विकेट। मैच की शुरुआत में क्रेग ओवरटन ने लगातार चौके जड़कर इंग्लैंड की उम्मीदें जगाईं, लेकिन अगले ही ओवर में सिराज ने जेमी स्मिथ को आउट कर मुकाबले की दिशा मोड़ दी। फिर सिराज ने ओवरटन को भी चलता कर भारत को जीत के और करीब पहुंचा दिया।
इसके बाद प्रसिद्ध कृष्णा ने जॉश टंग को क्लीन बोल्ड कर इंग्लैंड का नौवां विकेट गिरा दिया। लेकिन गस एटकिंसन और चोटिल क्रिस वोक्स ने एक बार फिर इंग्लैंड को लक्ष्य के पास ले जाने की कोशिश की। मगर सिराज ने एटकिंसन को बोल्ड कर इंग्लैंड की पारी 367 रनों पर समेट दी और भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई। इससे पहले चौथे दिन इंग्लैंड की शुरुआत 50/1 से हुई थी और टीम को जीत के लिए 324 रन की दरकार थी। सिराज और प्रसिद्ध ने शुरुआत में डकेट और पोप को आउट कर भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। लेकिन इसके बाद जो रूट और हैरी ब्रूक ने किला संभालते हुए 195 रन की साझेदारी की। इस दौरान सिराज से एक बड़ी चूक भी हुई जब उन्होंने ब्रूक का कैच तो लपका लेकिन बाउंड्री को छू बैठे। उस समय ब्रूक सिर्फ 19 रन पर थे, बाद में उन्होंने इस जीवनदान का भरपूर फायदा उठाते हुए शतक जड़ा।
इंग्लैंड का स्कोर जब 337/4 था, तब ऐसा लग रहा था कि मैच हाथ से निकल रहा है। लेकिन तभी प्रसिद्ध कृष्णा ने जैकब बैथेल और फिर जो रूट को आउट कर भारत को वापसी का रास्ता दिखाया। इंग्लैंड का स्कोर 332/4 से 337/6 हो गया। बारिश ने खेल को थोड़ा बाधित किया, लेकिन आखिरी दिन सिराज और प्रसिद्ध की धारदार गेंदबाजी ने इंग्लैंड को पूरी तरह ढेर कर दिया। इस टेस्ट मैच में मोहम्मद सिराज की गेंदबाजी ने सबका दिल जीत लिया। उन्होंने दूसरी पारी में 5 विकेट चटकाए और मैच में कुल 9 विकेट लेकर मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार अपने नाम किया। सीरीज में सबसे ज्यादा 23 विकेट लेकर सिराज ने दिखा दिया कि वह अब भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण की रीढ़ बन चुके हैं। इस सीरीज की सबसे बड़ी खासियत थी टीम इंडिया की वापसी। शुरुआती मैचों में पिछड़ने के बाद शुभमन गिल की युवा कप्तानी में टीम ने बेहतरीन लड़ाई लड़ी और आखिर में सीरीज को बराबरी पर खत्म किया। यह जीत सिर्फ एक मैच नहीं थी, बल्कि यह थी जज्बे, धैर्य और रणनीति की जीत।