Mohammed Shami comeback: भारत के अनुभवी तेज गेंदबाज Mohammed Shami ने फिर से दिखा दिया कि उनका जलवा अभी खत्म नहीं हुआ है। लंबे समय बाद रणजी ट्रॉफी में उतरते हुए उन्होंने ऐसा स्पेल डाला कि सबकी निगाहें उन्हीं पर टिक गईं। बंगाल ने ईडन गार्डन्स में खेले गए मुकाबले में गुजरात को 141 रनों से हराया और इस जीत के हीरो बने खुद शमी।
दूसरी पारी में उन्होंने अपने पुराने अंदाज में गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट झटके और विरोधी टीम की पूरी बल्लेबाजी को बिखेर दिया। उनकी गेंदों में पहले जैसी रफ्तार, सटीकता और स्विंग नजर आई। मैच के बाद बंगाल के कोच लक्ष्मी रतन शुक्ला ने भी शमी की तारीफ करते हुए कहा,
“Mohammed Shami को किसी से प्रमाणपत्र लेने की ज़रूरत नहीं, वह खुद एक प्रमाण हैं। उनके पास फैंस, मीडिया और ऊपरवाले का पूरा साथ है।”
यह बयान साफ तौर पर चयन समिति और खासकर अजीत अगरकर की ओर इशारा माना गया।
Urvil Patel के शानदार Performance के बाद भी Gujrat को झेलनी पड़ी हार
गुजरात को जीत के लिए 327 रनों का बड़ा लक्ष्य मिला था। हालांकि टीम की शुरुआत से ही हालत खराब हो गई। Mohammed Shami ने शुरुआती झटके दिए और बाकी काम बंगाल के गेंदबाजों ने पूरा कर दिया। पूरी टीम 185 रन पर सिमट गई। Mohammed Shami ने अपने शानदार आंकड़े 5 विकेट देकर सिर्फ 38 रन (5/38) हासिल किए।
गुजरात के बल्लेबाज Urvil Patel ने अकेले संघर्ष करते हुए नाबाद 109 रन बनाए, लेकिन टीम को हार से नहीं बचा सके।पहली पारी में भी शमी ने प्रभाव छोड़ा था, उन्होंने 3 विकेट (3/44) लिए। वहीं शहबाज अहमद ने गज़ब की गेंदबाजी करते हुए 6 विकेट (6/34) झटके। इन दोनों के दम पर बंगाल को 112 रनों की बढ़त मिली, जो आखिर में निर्णायक साबित हुई।
यह प्रदर्शन शमी के लिए खास रहा क्योंकि चार साल बाद उन्होंने फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में पांच विकेट लिए। पिछली बार उन्होंने 2021 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में ऐसा किया था।
Mohammed Shami comeback: चोट से उबरकर घरेलू क्रिकेट में दमदार वापसी
2023 के वनडे विश्व कप में शानदार प्रदर्शन के बाद शमी को चोट की वजह से करीब एक साल मैदान से दूर रहना पड़ा। उन्होंने इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ व्हाइट-बॉल सीरीज़ से वापसी की और फिर चैंपियंस ट्रॉफी 2024 में भारत को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
इसके बावजूद जब उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही सीरीज़ में शामिल नहीं किया गया, तो कई फैंस और क्रिकेट जानकारों ने सवाल उठाए। मगर शमी ने मैदान पर बोलना चुना और अपने घरेलू प्रदर्शन से आलोचकों को करारा जवाब दिया।
इस सीज़न की रणजी ट्रॉफी में उन्होंने अब तक 15 विकेट लिए हैं और 10.46 की औसत से वह शीर्ष तीन गेंदबाजों में शामिल हैं। यह दिखाता है कि शमी अभी भी भारतीय क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद और अनुभवी गेंदबाज हैं।
उनकी फिटनेस, जोश और निरंतरता बताती है कि टीम इंडिया के लिए उनका अध्याय अभी खत्म नहीं हुआ है। अगर चयनकर्ता उनके हालिया प्रदर्शन पर नज़र डालें, तो यह साफ है कि शमी की जगह किसी भी फॉर्मेट में पक्की होनी चाहिए।
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