भारतीय टीम और न्यूजीलैंड के बीच में वनडे सीरीज का तीसरा मैच माउंट मोनगानुई में खेला जा रहा है। न्यूजीलैंड के कप्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत को 244 रनों का लक्ष्य दिया है। न्यूजीलैंड को भारत ने 243 रनों पर ही ढेर कर दिया। 5 वनडे मैचों की सीरीज के पहले दो मैच भारत ने जीते हैं और सीरीज में 2-0 से बढ़त बना रखी है।
तीसरे मैच में भी भारत के गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया और न्यूजीलैंड टीम के बल्लेबाजों को टिकने का मौका नहीं दिया। भारत ने इस सीरीज का पहला मैच 8 विकेट से जीता था तो वहीं दूसरा मैच 90 रनों से जीता था। अगर भारत यह मैच जीत जाता है तो वह 10 साल बाद न्यूजीलैंड में वनडे सीरीज जीत जाएगा।
तीसरे मैच में इस बड़ी वजह से नहीं खेल रहे हैं धोनी
न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे मैच में भारतीय टीम में दो बड़े बदलाव हुए हैं। विजय शंकर की जगह इस मैैच में ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या को जगह मिली है। तो वहीं टीम के अनुभवी बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी की जगह इस मैच में दिनेश कार्तिक विकेटकीपर के तौर पर खेल रहे हैं।
सब यही सोच रहे हैं कि धोनी इस समय अच्छी फॉर्म चल रहे हैं फिर भी उन्होंने इस मैच में क्यों बाहर बैठायाएगा है। धोनी को ना खिलाने के पीछे भी एक बहुत बड़ी वजह है जिसकी वजह से वह आज का मैैच नहीं खेल रहे हैं।
धोनी की यह बीमारी बन सकती है टीम के लिए बड़ा खतरा
इस मैच में धोनी हैमस्ट्रिंग में खिंचाव आने की वजह से नहीं खेल रहे हैं। हैमस्टिं्रग जांघों के पीछे एक मांसपेशी होती है जिसमें धोनी के खिंचाव आ गया है और उसी में धोनी को परेशानी हो रही है। धोनी का विश्व कप से चोटिल होना भारत के लिए बड़ी परेशानी हो सकती है।
हमेशा से बिगाड़ा है धोनी की इस चोट ने खेल
आपकी जानकारी के लिए बात दें कि साल 2013 में भी धोनी को यही हैमस्ट्रिंग की परेशानी हुई थी जिसकी वजह से वह तीन वनडे मैच नहीं खेल पाए थे। साल 2013 में जब वेस्टइंडीज में ट्राई सीरीज हुई थी उस समय ही धोनी की यह चोट उभर कर आई थी जिसकी वजह से वह तीन मैच नहीं खेल पाए थे।
लेकिन भारत के लिए यह परेशानी का सबब बन सकती है क्योंकि इस समय धोनी अपनी उम्र के उस पढ़ाव पर हैं जहां पर जल्दी से किसी भी चोट से उभरना आसान नहीं है। वैसे आज के दौर में खिलाडिय़ों को रिहेबिलिटेशन की सारी सुविधाएं मिलती हैं जिसकी वजह से वह जल्दी ठीक हो जाते हैं। अब यह देखना होगा कि धोनी की यह परेशानी जल्दी ठीक हो जाए और वह विश्वकप में खेल सकें।