INDIA vs BANGLADESH: रोहित शर्मा से दिनेश कार्तिक इस बात पर थे गुस्सा

By Desk Team

Published on:

भारतीय टीम ने 18 मार्च को निदास ट्रॉफी के फाइनल मैच में बांग्लादेश को 4 विकेट से हराकर ने सीरीज जीती। इस जोर के मुकाबले में दिनेश कार्तिक ने 8 गेंदों में 3 छक्के और 2 चौके की मदद से बेहद शानदार 29रन बनाए। मैच की आखिरी गेंद पर भारत को जीत के लिए 5 रन की दरकार थी।

ऐसी दिल ढहला देने वाली घड़ी में दिनेश कार्तिक ने छक्का जड़ के टीम इंडिया को काफी शाानदार जीत दिलाई। बता दें कि कार्तिक को इस मुकाबले में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतारा गया। जिसे लेकर वह कप्तान रोहित शर्मा पर नाराज भी थे। इस बात का खुलासा मैच के बाद खुद रोहित शर्मा ने किया है।

मैच खत्म होने के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया क  “मैं कुछ हद तक हैरान था। इसके लिए मुझे ‘गुस्सा’ शब्द थोड़ा-सा मजबूत लगता है। मैंने पूरे टूर्नामेंट में नंबर-6 पर बल्लेबाजी की और आपने विजय शंकर को ऊपर भेज दिया। रोहित के साथ मेरे अच्छे संबंध हैं।

उनकी कप्तानी में हमने आईपीएल खिताब अपने नाम किया है। मैं जाहिर तौर से उन पर बेहद विश्वास करता हूं। मुझे पता है कि वह बतौर क्रिकेटर मेरी इज्जत करते हैं। मैं चौंकने से ज्यादा, तो गुस्सा था। कुछ हद तक निराशा भी थी। क्या आप इस कदम से सुनिश्चित हैं, जबकि विजय ने पूरे टूर्नामेंट में बल्लेबाजी नहीं की थी? मुझे पता था कि इसके पीछे कोई वजह होनी चाहिए।

जब कार्तिक से पूछा गया कि वह डगआउट में क्या सोच रहे थे, तो उन्होंने कहा, “मैं इसकी भविष्यवाणी नहीं कर सकता था कि मैच किस मोड़ पर जाएगा लेकिन ये पिच बल्लेबाजी के लिए काफी कठिन थी। वह अच्छी लाइन पर बॉलिंग कर रहे थे।

यहां तक कि जब पिछले लीग मैच में हमने उनके खिलाफ मुकाबले खेले उन्होंने कसी हुई गेंदबाजी की थी। रोहित को आखिरी मैच में 50 रन के लिए 40-42 गेंदों का सामना करना पड़ा था। वह अनुशासित गेंदबाजी कर रहे थे। उनके पास प्रत्येक बल्लेबाज के लिए रणनीति थी, जिसे वह अमल में भी ला रहे थे।”

कार्तिक ने आगे कहा, “जब मैं बल्लेबाजी के लिए आया तो मैं हर बॉल पर बाउंड्री लगाने की सोच रहा था। आपके पास इसके अलावा करने के लिए कुछ और भी नहीं था। जब मैं डगआउट में था उस वक्त फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने कहा- हमें एक या दो बड़े ओवर की दरकार है। जिस वक्त मैं क्रीज पर आया उस समय हमें दो बड़े ओवर चाहिए थे। इसके अलावा जीत के लिए कोई और रास्ता नहीं था।”

अन्य विशेष खबरों के लिए पढ़िये की पंजाब केसरी अन्य रिपोर्ट

Exit mobile version