धोनी के पांच बड़े ऐतिहासिक फैसले जिन्होंने बदल दिया भारतीय क्रिकेट का चेहरा

By Desk Team

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महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसा नाम है जिसे भारत क्या विश्व क्रिकेट के इतिहास में लम्बे आरसे तक याद किया जायेगा और हमेशा सम्मान दिया जायेगा। एक विकेटकीपर से क्रिकेट की शुरुआत करने वाले धोनी काफी तेज़ी से भारतीय क्रिकेट में अपना कद बढ़ाते चले गए और अपने साथ साथ उन्होंने देश को भी वो सम्मान दिलाये जिसके लिए लाखों क्रिकेट फैन उनके दीवाने है। आज हम आपको धोनी के उन पांच बड़े फैसले बताते है जिन्होंने भारतीय क्रिकेट का नक्शा बदल कर रख दिया।

1.2007 के टी20 टूर्नामेंट के फाइनल भारत और पाकिस्तान के बीच खेला जा रहा था। इस मैच के आखरी ओवर में पाकिस्तान को 13 रन की जरूरत थी और उसके हाथ में विकेट था। धोनी ने नवेले ‘जोगिन्दर शर्मा’ को मौका दिया जो फैसला भी सही साबित हुआ और भारत ने इतिहास रच दिया।

2.2011 के वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में युवराज सिंह की जगह धोनी का खुद मैदान पर आना बहुत से सवाल खड़े कर गया था। भारत का यह फाइनल मैच था और श्रीलंका ने भारत को 274 रनों का टारगेट दिया था। 114 रनों पर 3 विकेट हो जाने पर धोनी खुद चौथे क्रम पर आए और अंततः अपने विजयी छक्के से देश को जीत दिलाई।

3.2007 से 2012 तक रोहित शर्मा बहुत ही सामान्य बल्लेबाज थे और उनका स्ट्राइक रेट भी कुछ ख़ास नहीं था। सभी को लगने लगा था कि धोनी को उन्हें रिटायर कर देना चाहिए। लेकिन धोनी ने रोहित में कोई बात देखी और उन्हें ओपनर बना दिया। इसके बाद रोहित शर्मा ने जो कमाल किया उससे तो सभी वाकिफ़ है।

4.इस मैच में बांग्लादेश को आखरी बॉल पर 2 रनों की जरुरत थी। एक रन भी मैच टाई करा सकता था और भारत के लिए यह मैच जीतना बहुत जरुरी था। धोनी अपनी कैलकुलेशन की और बॉलर को शार्ट बॉल डालने की हिदायत दी। फिर क्या शार्ट बॉल डाली गई और जो धोनी ने सोचा वही हुआ।

5.धोनी की वैसे तो कई खासियतें है पर आपको बता दें की डीआरएस लेने में धोनी दुनिया के एकमात्र ऐसे खिलाडी है जो अंपायर के फैसले को चुनौती देने के बाद फैसला अपने पक्ष में लिया है। विराट कोहली भी अब उनसे ही सलाह लेकर डीआरएस अपील करते है।

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