Press Conference की इस Statement पर बुरे विवाद में फसे पाकिस्तानी कप्तान

By Anjali Maikhuri

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BCCI case Salman Agha

BCCI case Salman Agha: Asia Cup 2025 के फाइनल मुकाबले के बाद पाकिस्तान के टी20 कप्तान Salman Ali Agha ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक ऐसा बयान दिया, जो अब उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। भारत के कप्तान Suryakumar Yadav ने देशभक्ति की मिसाल पेश करते हुए अपनी पूरी मैच फीस भारतीय सेना और पाहलगाम आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों को दान कर दी। इस हमले में 26 आम लोगों की जान चली गई थी।

Tounament की सारी fees Suryakumar Yadav ने की Donate

Suryakumar Yadav

Suryakumar Yadav ने बयान में कहा, “मैं इस टूर्नामेंट की मैच फीस हमारे सैनिकों और उन परिवारों को समर्पित करता हूँ, जिन्होंने अपने अपनों को खोया है। आप हमेशा मेरी दुआओं में रहेंगे। जय हिंद।”

भारत के खिलाड़ी एक टी20 मैच के लिए लगभग 4 लाख रुपये कमाते हैं। इस हिसाब से सूर्यकुमार ने एशिया कप के सात मुकाबलों की कुल 28 लाख रुपये की रकम दान कर दी।

BCCI case Salman Agha: Aghaके बयान से खड़ा हुवा विवाद

Salman Ali Agha

सूर्यकुमार की इस पहल की खूब तारीफ हो रही थी। इसी बीच सलमान आगा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान टीम भी अपनी मैच फीस दान करेगी। लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह रकम उन नागरिकों की मदद के लिए दी जाएगी जो भारत की ‘Operation Sindoor ’ की कार्रवाई से प्रभावित हुए हैं।

ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना द्वारा किया गया एक सटीक हमला था, जो पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर किया गया था। यह हमला पाहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत की तरफ से जवाब के तौर पर किया गया था।

सलमान आगा की ये बात कुछ लोगों को गलत दिशा में जाती दिखी क्योंकि उन्होंने सीधे तौर पर भारत के ऑपरेशन का जिक्र किया और उसकी प्रतिक्रिया में दान देने की बात कही।

Salman Ali agha

सलमान आगा के बयान को खेल से बाहर जाकर राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। ICC या PCB इस बयान को गंभीरता से लेते हुए आगा पर कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकते हैं। खेल की दुनिया में खिलाड़ियों से उम्मीद की जाती है कि वे राजनीतिक और संवेदनशील मुद्दों से दूरी बनाए रखें, खासकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर।

इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी सलमान आगा को मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। कुछ लोग इसे इंसानियत का काम बता रहे हैं, तो कुछ इसे एक तरह की राजनीतिक चाल मान रहे हैं। वहीं कुछ क्रिकेट एक्सपर्ट्स का मानना है कि टीमों को इस तरह के मुद्दों पर बोलने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे खेल की साख पर असर पड़ता है।

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