वेंकटेश अय्यर का SRH पर तंज, कहा आक्रामकता का मतलब हर गेंद पर छक्का नहीं

By Darshna Khudania

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वेंकटेश अय्यर ने SRH के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए 29 गेंदों में 60 रन बनाए और टीम को 200 के लक्ष्य तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि आक्रामकता का मतलब हर गेंद पर छक्का मारना नहीं है, बल्कि परिस्थितियों को समझकर सही इरादे से खेलना है।

आईपीएल 2025 में अब तक वेंकटेश अय्यर अच्छा प्रदर्शन नहीं दिखा पाए थे लेकिन गुरुवार को सनराइज़र्स हैदराबाद के खिलाफ उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और 29 गेंदों में 60 रन बनाकर टीम को 200 के लक्ष्य तक पहुंचाया। SRH ने टॉस जीतकर फील्डिंग करने का फैसला किया था और उनका ये फैसला सही भी साबित हुआ क्यूंकि KKR ने शुरुआत में ही दो विकेट खो दिए। 

इसके बाद कप्तान अजिंक्य रहाणे और अंगकृष रघुवंशी ने पारी संभाली। इन दोनों के आउट होने के बाद वेंकटेश अय्यर और रिंकू सिंह ने बेहतरीन बल्लेबाज़ी की और पारी संभाली। मैच के बाद वेंकटेश ने अपने और कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए आक्रामकता का मतलब बता दिया।  

आईपीएल के इस सीजन के शुरुआत के दो मैचों में वेंकटेश ने केवल 3 और 6 रन बनाए थे। लेकिन हैदराबाद के खिलाफ उन्होंने 206.90 के साथ बल्लेबाज़ी की और अच्छा स्कोर बनाया। उनकी 60 रन की पारी में सात चौके और तीन छक्के शामिल थे। 

वेंकटेश ने कांफ्रेंस में कहा,

“हमारे लिए सकारात्मक लेकिन सही इरादे दिखाना बहुत महत्वपूर्ण है। अगर हम 50/6 पर हैं और मैं फिर भी सब कुछ टोंक कर देता हूं, तो यह सकारात्मक है, लेकिन यह सही नहीं है। आक्रामकता का मतलब हर गेंद पर छक्का मारना नहीं है।”

“यह इस बारे में है कि आप परिस्थितियों को कैसे समझते हैं और आप परिस्थितियों को अपने पक्ष में कैसे अधिकतम कर पाते हैं। और यही आक्रामकता है। हम ऐसी टीम नहीं बनना चाहते जो अच्छा खेलते हुए 250 रन बनाए और जब हम अच्छा नहीं खेल रहे हों, तो 70 रन पर आउट हो जाएं। हम ऐसी टीम बनना चाहते हैं जो पिच और परिस्थितियों को जल्दी समझ सके। बराबर स्कोर का आकलन करें और बराबर से 20 रन ऊपर बनाने की कोशिश करें।”

बोर्ड पर प्रतिस्पर्धी स्कोर बनाने के बावजूद, वेंकटेश ने स्वीकार किया कि वे इसे लेकर बहुत सहज महसूस नहीं कर रहे थे, खासकर मज़बूत सनराइजर्स के खिलाफ। उन्होंने प्लेयर ऑफ द मैच स्पेल के लिए वैभव अरोड़ा की भी प्रशंसा की, जिसने मैच का रुख उनके पक्ष में मोड़ दिया।

उन्होंने कहा, “220 रन बनाने के बाद भी, कभी-कभी हमें लगता है कि वे इसे हासिल कर सकते हैं, लेकिन हम हमेशा से जानते थे कि जो टीम बहुत आक्रामक होती है, उसमें विकेट लेने का जोखिम हमेशा बना रहता है। हम इसी का फायदा उठाना चाहते थे। हमारे पास वैभव अरोड़ा हैं, जो पावरप्ले में गेंदबाजी करके विकेट लेते हैं और उन्होंने ऐसा किया भी। जो टीम हर गेंद पर हिट करती है, उसके पास जल्दी आउट होने का मौका भी होता है। और हम इसी का फायदा उठाना चाहते थे।”

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