
दक्षिण अफ्रीका के स्टैंड-इन कप्तान वियान मुल्डर ने क्रिकेट दुनिया में अपनी शानदार बल्लेबाजी से तो सबको चौंकाया ही, लेकिन उससे भी ज्यादा उनकी टीम के लिए सोच ने दिल जीत लिया। मुल्डर ने दूसरे टेस्ट में जिम्बाब्वे के खिलाफ जबरदस्त 367 रन की नाबाद पारी खेली, वो बस कुछ ही रन दूर थे ब्रायन लारा के 400 रन के वर्ल्ड रिकॉर्ड से। लेकिन मुल्डर ने अपने इस ऐतिहासिक व्यक्तिगत रिकॉर्ड को छोड़कर टीम के हित में पारी घोषित कर दी।
मुल्डर का दिलचस्प फैसला
क्वीन्स स्पोर्ट्स क्लब, बुलावायो में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में मुल्डर ने अपनी टीम की पारी 626/5 पर घोषित कर दी। उस समय वो खुद 367 रन पर खेल रहे थे। अगर चाहते तो लारा का 400 रन का रिकॉर्ड तोड़ सकते थे, लेकिन उन्होंने टीम को जीत की स्थिति में लाने के लिए ये बड़ा फैसला लिया। उनकी इस पारी के बाद अब वो टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़े व्यक्तिगत स्कोर वालों की लिस्ट में पांचवें नंबर पर पहुंच गए हैं।
अब तक के टॉप टेस्ट व्यक्तिगत स्कोर:
1. ब्रायन लारा (वेस्टइंडीज) - 400*
2. मैथ्यू हेडन (ऑस्ट्रेलिया) - 380
3. ब्रायन लारा (वेस्टइंडीज) - 375
4. महेला जयवर्धने (श्रीलंका) - 374
5. वियान मुल्डर (दक्षिण अफ्रीका) - 367*
दक्षिण अफ्रीका के लिए सबसे बड़ा स्कोर
मुल्डर ने अपने हमवतन हाशिम अमला का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। अमला ने 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ 311 रन बनाए थे, जो दक्षिण अफ्रीका का सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर था। इसके अलावा मुल्डर ने टेस्ट क्रिकेट का दूसरा सबसे तेज तिहरा शतक भी जड़ दिया। उन्होंने 297 गेंदों में अपना तीन सौ पूरा किया, जो वीरेंद्र सहवाग के 278 गेंदों के रिकॉर्ड के बाद दूसरा सबसे तेज है।
मुश्किल हालात में कप्तानी संभाली
मुल्डर की ये पारी और भी खास इसलिए थी क्योंकि वो एक कमज़ोर टीम की अगुवाई कर रहे थे। नियमित कप्तान टेम्बा बावुमा चोटिल हैं, वहीं कगिसो रबाडा, ऐडन मार्करम और केशव महाराज को आराम दिया गया था। ऐसे में दबाव में आई इस सीरीज में मुल्डर ने पहले टेस्ट में भी एक शतक और 147 रन की पारी खेली थी। अब दूसरे टेस्ट में उनकी ये 367 रन की पारी आलोचकों को करारा जवाब बन गई।
49 चौके और 4 छक्कों की पारी
मुल्डर ने इस शानदार पारी में 49 चौके और 4 छक्के लगाए। उनकी बल्लेबाजी इतनी आक्रामक रही कि जिम्बाब्वे के गेंदबाज़ों को कोई जवाब ही नहीं सूझा। जब वो लारा का रिकॉर्ड तोड़ने के बेहद करीब थे, तब भी उन्होंने अपनी टीम के जीतने की संभावनाओं को ज्यादा अहमियत दी।
टीम पहले, रिकॉर्ड बाद
मैच के बाद मुल्डर ने कहा, “मेरे लिए टीम पहले है। रिकॉर्ड बाद में आते हैं। अगर हम मैच जीतेंगे, तो वही सबसे बड़ा रिकॉर्ड होगा।”
मुल्डर की ये सोच क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक बड़ी सीख है — कभी-कभी व्यक्तिगत रिकॉर्ड से ऊपर टीम को रखना ही असली खेल भावना होती है। उनकी इस पारी और फैसले की अब हर जगह तारीफ हो रही है।