
गाबा टेस्ट के दौरान भारत के गेंदबाज अक्षदीप ने 11वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए ऐसा कारनामा किया, जिसे टीम लंबे समय तक याद रखेगी। उस वक्त भारत पर फॉलो-ऑन का खतरा मंडरा रहा था। लेकिन अक्षदीप और जसप्रीत बुमराह की साझेदारी ने टीम को संकट से उबारा। जैसे ही अक्षदीप ने चौका लगाकर फॉलो-ऑन से बचाया, भारतीय ड्रेसिंग रूम में जश्न का माहौल छा गया। कोच गौतम गंभीर और विराट कोहली ने हाई-फाइव किया, जबकि कप्तान रोहित शर्मा और बाकी खिलाड़ी खुशी से झूम उठे।
अक्षदीप का खास नजरिया
अक्षदीप ने चौथे टेस्ट से पहले मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि वह फॉलो-ऑन बचाने के इरादे से मैदान पर नहीं उतरे थे। उन्होंने कहा, “हम निचले क्रम में बल्लेबाजी करने आते हैं, तो 20-30 रन का योगदान भी बहुत मायने रखता है। मेरा ध्यान सिर्फ आउट न होने पर था। भगवान की कृपा से हम फॉलो-ऑन बचा सके।”
आकाश दीपउन्होंने आगे कहा, “जब आप ऐसे हालात से मैच बचाते हैं, तो पूरी टीम का आत्मविश्वास बढ़ता है। हमारे ड्रेसिंग रूम में भी यही माहौल था। सभी बहुत खुश थे और मजे कर रहे थे।”
कैसी थी पारी?
अक्षदीप ने 44 गेंदों में 31 रन बनाए, जिसमें दो चौके और एक शानदार छक्का शामिल था। यह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 11वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए किसी भारतीय का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है। उन्होंने कंगारू गेंदबाजों को खूब परेशान किया। फॉलो-ऑन बचाने के बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस की गेंद पर डीप मिड-विकेट के ऊपर छक्का लगाया। बुमराह और अक्षदीप के बीच 10वें विकेट के लिए 47 रनों की अहम साझेदारी हुई। बुमराह ने 38 गेंदों में 10 रन बनाए और नाबाद रहे।
बुमराह से मिली मदद
पहले दो टेस्ट मैचों में अक्षदीप प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं थे और उनकी जगह हर्षित राणा को मौका दिया गया था। गाबा टेस्ट की पहली पारी में अक्षदीप ने सिर्फ एक विकेट लिया, लेकिन अपनी बल्लेबाजी के बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ गया और उन्होंने आखिरी दिन दो और विकेट झटके।
उन्होंने बताया, “यह ऑस्ट्रेलिया में मेरा पहला अनुभव है। जस्सी भाई (बुमराह) हमें लगातार गाइड करते रहते हैं। उन्होंने मुझे कहा, ‘ज्यादा उत्साहित मत हो, अपने अनुशासन पर ध्यान दो। भारत में जैसे गेंदबाजी करते हो, वैसा ही यहां करो।’”
अब इस रोमांचक सीरीज का चौथा और आखिरी टेस्ट 26 दिसंबर से शुरू होगा। फिलहाल सीरीज 1-1 से बराबरी पर है।