
पहले टेस्ट के तीसरे दिन का पहला सेशन भले ही स्कोरबोर्ड पर बराबरी का दिखा, लेकिन असल में इंग्लैंड की पकड़ मैच में और मजबूत होती जा रही है। भारत को लंच से पहले दो विकेट जरूर मिले, लेकिन इंग्लैंड ने 118 रन जोड़कर साफ कर दिया कि वो पीछे हटने वालों में नहीं हैं। भारत की पहली पारी के 471 रनों के जवाब में इंग्लैंड अब धीरे-धीरे बराबरी की ओर बढ़ रहा है।
भारत की चूकों का फायदा उठाया इंग्लैंड ने
भारत इस मुकाबले में बेहतर स्थिति में हो सकता था, अगर फील्डिंग में लापरवाही नहीं होती। कल तीन कैच छूटे और एक विकेट नो-बॉल की वजह से हाथ से निकल गया। सबसे बड़ी गलती तब हुई जब जसप्रीत बुमराह की गेंद पर हैरी ब्रूक ने टॉप एज किया और मोहम्मद सिराज ने कैच पकड़ लिया, लेकिन अंपायर ने नो-बॉल का इशारा कर दिया। ये वही गलती थी जिसने फैंस को 2017 चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल और 2016 वर्ल्ड टी20 सेमीफाइनल की याद दिला दी।
ब्रूक तब शून्य पर थे, लेकिन इस मौके का पूरा फायदा उठाया और जबरदस्त फिफ्टी जड़ दी। इतना ही नहीं, उन्हें दोबारा भी जीवनदान मिला जब ऋषभ पंत ने रवींद्र जडेजा की गेंद पर उनका आसान कैच टपका दिया।
बुमराह को करारा जवाब
ब्रूक की बल्लेबाज़ी में सिर्फ रन ही नहीं, बल्कि एक अलग आत्मविश्वास भी झलक रहा था। उन्होंने भारत के सबसे खतरनाक गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह को डांस डाउन द ट्रैक खेलकर चौका जड़ा और एक इशारा भी दे दिया – “तुम भले ही दुनिया के नंबर 1 गेंदबाज़ हो, लेकिन मैं भी नंबर 2 बल्लेबाज़ हूं और डरने वाला नहीं हूं।”
लंच तक इंग्लैंड का स्कोर 327/5 हो गया था और ब्रूक की मौजूदगी टीम को मजबूती दे रही थी।
निक नाइट भी हुए ब्रूक के फैन
इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज़ निक नाइट ने ब्रूक की तारीफ करते हुए कहा, “हम ब्रूक को पहले भी देख चुके हैं, लेकिन आज उन्होंने हालात को जिस तरह समझा और खेला, वो शानदार था। उनका बुमराह के खिलाफ आक्रामक रुख देखना मजेदार था। ये वही ‘बाज़बॉल’ है, लेकिन अब इसमें समझदारी भी जुड़ गई है।”
बाज़बॉल का स्मार्ट वर्जन
ब्रूक ने सिर्फ तेजी से रन नहीं बनाए, बल्कि मैच की स्थिति के मुताबिक अपने खेल को ढाला। उन्होंने कप्तान स्टोक्स के साथ अहम साझेदारी की और बाद में विकेट गिरने के बाद भी टीम को संभालकर रखा।
भारत के लिए चेतावनी
हालांकि प्रसिद्ध कृष्णा और सिराज ने क्रमशः ओली पोप और बेन स्टोक्स को आउट करके भारत को राहत जरूर दी, लेकिन ब्रूक और बुमराह की टक्कर इस सेशन की सबसे दिलचस्प लड़ाई बन गई।
ये मुकाबला सिर्फ रन या विकेट का नहीं था – ये दो टॉप रैंक खिलाड़ियों के बीच का मनोवैज्ञानिक युद्ध था, जिसमें ब्रूक ने दिखा दिया कि इंग्लैंड क्यों टेस्ट क्रिकेट में नई सोच के साथ आगे बढ़ रहा है।