
भारतीय टीम के कप्तान शुभमन गिल ने एजबेस्टन टेस्ट में कुलदीप यादव को मौका न देने के पीछे की बड़ी वजह साफ कर दी है। गिल का मानना है कि कुलदीप जैसे विकेट लेने वाले स्पिनर को प्लेइंग-11 से बाहर रखना आसान नहीं होता, लेकिन टीम की बैटिंग लाइन-अप को मज़बूत करना उनकी पहली प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि पिछले लीड्स टेस्ट में भारत की निचली क्रम की बैटिंग दो बार जल्दी ढेर हो गई थी। इसके चलते टीम मैनेजमेंट को लगा कि उन्हें बैटिंग में थोड़ी गहराई चाहिए। इसी वजह से वॉशिंगटन सुंदर को मौका दिया गया, ताकि वो जरूरत पड़ने पर बैट से भी योगदान दे सकें।
गिल ने बताया, “जब आपके पास कुलदीप जैसा स्पिनर होता है, तो उसे न खिलाना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन वॉशिंगटन हमारे लिए दोहरी भूमिका निभाता है। मेरे और उसके बीच जो पार्टनरशिप हुई, वो बहुत जरूरी थी। अगर वो साझेदारी न होती, तो हमारी लीड सिर्फ 70-80 रन की रहती। जबकि हमने 180 रन की बढ़त ली, जो मैच में फर्क डाल गई।”
इसके अलावा गिल ने ड्यूक्स गेंद को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे गेंद पुरानी और नरम होती है, स्पिनर्स को मदद मिलने लगती है। हालांकि उन्होंने माना कि पिच से बहुत ज़्यादा टर्न नहीं मिल रहा था और गेंद सिर्फ रफ एरिया पर टप्पा खाने के बाद ही घूम रही थी।
जब उनसे पूछा गया कि भारत ने एजबेस्टन में पहली बार टेस्ट जीता है, इसको लेकर वो कैसा महसूस कर रहे हैं, तो गिल ने बड़ा ही साधारण जवाब दिया। उन्होंने कहा, “मैं ज्यादा आंकड़ों या इतिहास में यकीन नहीं करता। हमने यहां अब तक सिर्फ सात टेस्ट खेले हैं, वो भी अलग-अलग टीमों और हालात में। लेकिन मुझे लगता है कि ये भारत की सबसे मज़बूत टीमों में से एक है, जो इंग्लैंड में जाकर उन्हें उनके ही घर में हरा सकती है।”
उन्होंने आगे कहा कि टीम फिलहाल सही लय में है और अगर वो इसी तरह मेहनत करते रहे, तो ये सीरीज भारत के लिए यादगार बन सकती है।
वॉशिंगटन सुंदर ने भी अपने सिलेक्शन को सही साबित किया। उन्होंने बैट से अहम रन बनाए और गेंद से भी किफायती स्पेल डाले। इस फैसले से टीम की बैलेंसिंग बेहतर हुई और भारत को निचले क्रम से भी रन मिले, जिससे दबाव कम हुआ।
इस सीरीज में गिल की कप्तानी भी सबकी निगाहों में है। रोहित शर्मा और विराट कोहली के जाने के बाद टीम में नए चेहरे हैं, जिन पर जिम्मेदारी ज्यादा है। लेकिन जिस तरह से गिल ने अब तक फैसले लिए हैं, वो दिखाता है कि वो हर मैच को सोच-समझकर खेल रहे हैं।
अगर भारत यहां से लगातार अच्छा खेल दिखाता रहा, तो यकीन मानिए इस बार इंग्लैंड में इतिहास रचना मुश्किल नहीं होगा।