
भारत और इंग्लैंड के बीच हेडिंग्ले में खेले गए पहले टेस्ट में जहां यशस्वी जायसवाल ने शानदार शतक से सबका दिल जीत लिया, वहीं उनकी फील्डिंग ने उतना ही निराश किया। जायसवाल ने मैच के दौरान चार आसान कैच छोड़े, जिसकी वजह से भारतीय टीम को भारी नुकसान उठाना पड़ा। भारत ने कुल मिलाकर 8 कैच गिराए और अंत में पांच विकेट से मैच गंवा दिया।
कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन ड्रॉप कैचेस के कारण भारत को करीब 250 रन का घाटा हुआ, जो कि मैच का रुख पलटने के लिए काफी था। सोशल मीडिया और एक्सपर्ट्स ने जायसवाल की जमकर आलोचना की, लेकिन भारत के पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने युवा बल्लेबाज़ का बचाव किया है और इसकी असली वजह बताई है।
पहली बार इंग्लैंड में खेलना आसान नहीं: श्रीधर
स्पोर्टस्टार से बातचीत में श्रीधर ने कहा, “जब आप पहली बार इंग्लैंड जैसे देश में खेल रहे होते हो, खासकर स्लिप में फील्डिंग कर रहे हो, तो आपको वहां की परिस्थितियों को समझने और खुद को ढालने में समय लगता है। ड्यूक बॉल की मूवमेंट और ठंडा मौसम कैच लेना और भी मुश्किल बना देता है।”
उन्होंने आगे बताया कि हेडिंग्ले और ओवल जैसे मैदानों में फील्डिंग करना और भी चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि वहां मैदान में ढलान होती है और हवा का रुख तेज़ होता है। इससे फील्डिंग पोजिशनिंग और टाइमिंग दोनों पर असर पड़ता है।
जायसवाल का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है
श्रीधर ने बताया कि जायसवाल आमतौर पर एक अच्छे गली फील्डर हैं। “अगर आप बांग्लादेश के खिलाफ कानपुर टेस्ट को देखें, तो उन्होंने वहां बेहतरीन कैच पकड़े थे। बस मेलबर्न और लीड्स में दो मुकाबले ऐसे रहे, जहां वो थोड़ा गड़बड़ा गए। इसका मतलब ये नहीं कि वो खराब फील्डर हैं,” उन्होंने कहा।
कमेंट्री बॉक्स से आलोचना आसान होती है
श्रीधर ने आलोचकों को निशाने पर लेते हुए कहा कि मैदान की स्थितियों को जाने बिना आलोचना करना सही नहीं है। “कमेंट्री बॉक्स में बैठकर आलोचना करना आसान होता है, लेकिन मैदान में जाकर स्लिप में तेज़ गेंदों को पकड़ना वाकई मुश्किल होता है। खासकर तब जब आप पहली बार वहां फील्डिंग कर रहे हों।”
भविष्य में सुधार की उम्मीद
श्रीधर को भरोसा है कि जायसवाल आगे के टेस्ट मैचों में बल्ले के साथ-साथ फील्डिंग में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा, “यशस्वी एक मेहनती खिलाड़ी हैं और उन्होंने हमेशा खुद को बेहतर साबित किया है। ये सिर्फ एक दौर है, जो जल्द ही निकल जाएगा।”
इस तरह, जहां जायसवाल की फील्डिंग पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि उनके अंदर सुधार की पूरी क्षमता है और वो जल्द ही फील्ड में भी अपना कमाल दिखाएंगे।