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Cricket

दबाव में जोश हेज़लवुड नहीं, इस गेंदबाज़ पर भरोसा करते हैं RCB कप्तान रजत पाटीदार

RCB की जीत में क्रुणाल पांड्या बने कप्तान के भरोसेमंद

Nishant Poonia

RCB के कप्तान रजत पाटीदार ने IPL 2025 में अपनी टीम को पहली बार ट्रॉफी दिलाई। उन्होंने दबाव की स्थिति में जोश हेज़लवुड की बजाय क्रुणाल पांड्या पर भरोसा जताया, जिन्होंने फाइनल में 17 रन देकर 2 विकेट लिए। पाटीदार ने क्रुणाल की तारीफ करते हुए कहा कि वो हमेशा दबाव में KP की तरफ देखते हैं।

IPL 2025 का सीज़न रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और उनके नए कप्तान रजत पाटीदार के लिए किसी सपने से कम नहीं रहा। टीम ने पहली बार IPL की ट्रॉफी अपने नाम की और वो भी पाटीदार की कप्तानी में, जो बतौर कप्तान उनका पहला ही सीज़न था।

फाइनल में RCB ने पंजाब किंग्स को 6 रन से हराया। इस जीत के बाद पाटीदार ने टीम की सफलता के बारे में बात की और एक खिलाड़ी की खास तारीफ की – क्रुणाल पांड्या। फाइनल मुकाबले में क्रुणाल ने 4 ओवर में सिर्फ 17 रन देकर 2 विकेट लिए और मैच का रुख ही पलट दिया।

पाटीदार ने कहा, “क्वालिफायर 1 के बाद हमें यकीन हो गया था कि हम ट्रॉफी जीत सकते हैं। उस वक्त टीम में एक अलग आत्मविश्वास था। फाइनल में हमने 190 रन बनाए जो इस पिच पर अच्छा स्कोर था क्योंकि विकेट थोड़ी स्लो थी। गेंदबाज़ों ने प्लान के हिसाब से बॉलिंग की और क्रुणाल को सही समय पर बॉल देना सही फैसला साबित हुआ।”

सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि पाटीदार ने ऑस्ट्रेलिया के अनुभवी गेंदबाज़ जोश हेज़लवुड को नहीं, बल्कि क्रुणाल पांड्या को वो गेंदबाज़ बताया जिस पर वो दबाव की स्थिति में सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं।

क्रुणाल पांड्या

उन्होंने कहा, “जब भी मैं मैदान पर दबाव में होता हूं, मैं सबसे पहले KP (क्रुणाल पांड्या) की तरफ देखता हूं। उनके पास अनुभव है और वो विकेट निकाल सकते हैं।”

पाटीदार ने बाकी गेंदबाज़ों की भी तारीफ की – सुयश शर्मा, भुवनेश्वर कुमार, यश दयाल, हेज़लवुड और रोमारियो शेफर्ड, जिनका एक-दो ओवर का स्पेल गेम चेंजर रहा।

क्रुणाल पांड्या का बल्ले से सीज़न कुछ खास नहीं रहा – उन्होंने सात पारियों में सिर्फ 109 रन बनाए, लेकिन गेंद से उन्होंने 17 विकेट झटके और उनका इकॉनमी रेट 8.23 रहा। ये क्रुणाल का चौथा IPL खिताब है – इससे पहले वो तीन बार मुंबई इंडियंस के साथ ट्रॉफी जीत चुके हैं।

RCB के लिए यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि 18 साल की मेहनत और इंतज़ार का नतीजा थी – और इस जीत के असली हीरो साबित हुए कप्तान का भरोसेमंद गेंदबाज़, क्रुणाल पांड्या।