वियान मुल्डर Image Source: Social Media
Cricket

वियान मुल्डर ने ब्रायन लारा के 400 रन के रिकॉर्ड को क्यों नहीं तोड़ा? खुद बताया कारण

मुल्डर ने लारा के 400 रन के रिकॉर्ड को सम्मान दिया

Nishant Poonia

दुनिया भर में इस वक्त साउथ अफ्रीका के बल्लेबाज वियान मुल्डर चर्चा में हैं। वजह है उनका ब्रायन लारा के 400 रन के वर्ल्ड रिकॉर्ड को न तोड़ना। ज़िम्बाब्वे के खिलाफ बुलावायो में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन मुल्डर लंच तक 367 रन पर नाबाद थे। सबको लगा वो लारा का रिकॉर्ड तोड़ देंगे। लेकिन उन्होंने हैरान करते हुए अपनी टीम की पारी 625/6 पर घोषित कर दी।

मुल्डर ने खुद बताया क्यों नहीं तोड़ा रिकॉर्ड

दिन का खेल खत्म होने के बाद मुल्डर ने सुपरस्पोर्ट से बात करते हुए कहा, “सबसे पहले तो मुझे लगा टीम का स्कोर काफी है और हमें गेंदबाज़ी करनी चाहिए। दूसरा, ब्रायन लारा सच में लेजेंड हैं। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 401 बनाए थे। इतना बड़ा रिकॉर्ड ऐसे ही किसी के पास नहीं होता। अगर मुझे दोबारा मौका मिला तो शायद मैं फिर वही करूँगा। हमारे कोच शुकरी कोंराड ने भी मुझसे कहा था कि बड़े रिकॉर्ड्स को लेजेंड्स के पास ही रहने दो।”

मुल्डर ने कहा, “आपको नहीं पता भविष्य में मेरे लिए क्या लिखा है। लेकिन लारा का वो रिकॉर्ड वैसे ही रहना चाहिए। मेरे लिए इतना लंबा खेलना और इतने रन बनाना बहुत खास था। मैंने कभी डबल सेंचुरी का भी नहीं सोचा था, ट्रिपल तो दूर की बात है। सबसे बड़ी बात, हमने टीम को मैच जिताने वाली स्थिति में पहुंचा दिया।”

वियान मुल्डर

मुल्डर की ऐतिहासिक पारी

मुल्डर ने अपनी पारी में 334 गेंदों पर 49 चौके और 4 छक्के लगाए। उनका स्ट्राइक रेट 109.88 रहा। इस पारी से उन्होंने कई रिकॉर्ड भी तोड़ दिए।

• मुल्डर अब टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज़ तीसरी सबसे बड़ी ट्रिपल सेंचुरी लगाने वाले खिलाड़ी बन गए। उन्होंने 297 गेंदों में 300 रन पूरे किए, जो वीरेंद्र सहवाग के 278 गेंदों के रिकॉर्ड के बाद दूसरे नंबर पर है।

• उन्होंने हनीफ मोहम्मद के 337 रन को पीछे छोड़कर विदेश में टेस्ट में सबसे बड़ी पारी खेलने वाले बल्लेबाज बन गए।

• साथ ही उन्होंने हाशिम अमला के 311 रन को पीछे छोड़कर साउथ अफ्रीका की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी भी खेली।

टीम के लिए खेला, रिकॉर्ड के लिए नहीं

मुल्डर की पारी के बाद साउथ अफ्रीका ने ज़िम्बाब्वे को पहली पारी में सिर्फ 170 रन पर समेट दिया। फिर फॉलो-ऑन देकर दिन खत्म होने तक ज़िम्बाब्वे को 51/1 पर रोक दिया। ऐसे में मैच अब पूरी तरह साउथ अफ्रीका के कब्जे में है।

सोशल मीडिया पर मिली मिली-जुली प्रतिक्रिया

जहाँ कुछ पूर्व क्रिकेटरों जैसे डेल स्टेन और तबरेज़ शम्सी को लगा मुल्डर को रिकॉर्ड तोड़ना चाहिए था, वहीं फैंस ने मुल्डर की टीम के लिए सोचने की तारीफ भी की। मुल्डर ने दिखा दिया कि हर रिकॉर्ड से बड़ा होता है टीम का हित।

इस पारी से मुल्डर ने क्रिकेट की दुनिया में अपनी अलग पहचान बना ली है। शायद अगली बार जब वो ऐसे मौके पर होंगे तो फिर से वही विनम्रता दिखाएंगे या इतिहास रच देंगे, ये वक्त ही बताएगा। फिलहाल, उन्होंने सबका दिल जीत लिया है।