भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ में अब सबकी नज़र बर्मिंघम के एजबेस्टन स्टेडियम पर होने वाले दूसरे टेस्ट पर है, जो 2 जुलाई से शुरू होगा। लेकिन इस मैच से पहले भारतीय टीम की फील्डिंग पर सवाल उठने लगे हैं। खासकर यशस्वी जायसवाल की कैचिंग को लेकर खूब चर्चा हो रही है।
पहले टेस्ट में यशस्वी की बड़ी गलतियां
लीड्स में खेले गए पहले टेस्ट में भारतीय टीम ने कुल आठ कैच छोड़े थे, जिनमें से चार अकेले यशस्वी जायसवाल के हाथों से छूटे। यही नहीं, इन छोड़े गए कैचों की वजह से इंग्लैंड को करीब 250 रन का फायदा मिल गया। इसका नतीजा ये हुआ कि भारत को ये मैच पांच विकेट से गंवाना पड़ा।
पहली पारी में जायसवाल ने 11 रन पर बेन डकेट का कैच छोड़ा। इसके बाद डकेट ने 62 रन बनाए। यशस्वी ने ओली पोप और हैरी ब्रूक के भी कैच छोड़ दिए, जिससे इंग्लैंड को अच्छी साझेदारियां करने का मौका मिला। दूसरी पारी में भी यशस्वी ने डकेट का एक आसान कैच छोड़ दिया, जिसका फायदा उठाते हुए डकेट ने 149 रन की शानदार पारी खेल दी।
दूसरे खिलाड़ियों से भी हुए कैच ड्रॉप
यशस्वी के अलावा साई सुदर्शन, ऋषभ पंत और जसप्रीत बुमराह से भी कैच छूटे। ऐसे में अगर भारत को इस सीरीज़ में वापसी करनी है तो फील्डिंग में जबरदस्त सुधार करना ही होगा।
यशस्वी जायसवालफील्डिंग पोजीशन में बदलाव
दूसरे टेस्ट से पहले भारतीय टीम के असिस्टेंट कोच रयान टेन डसकाटे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यशस्वी का बचाव किया। उन्होंने कहा, “यशस्वी एक बेहतरीन कैचर हैं। हमें उनका आत्मविश्वास बनाए रखना है। इंग्लैंड की कंडीशंस में हमें चार कैचर की जरूरत रहती है। अगर हम दो स्पिनर खिलाते हैं तो शॉर्ट लेग का रोल भी अहम हो जाता है।”
उन्होंने यह भी बताया कि यशस्वी के हाथ में हल्की चोट है, इसी वजह से अब शायद उन्हें गली की पोजीशन से कुछ समय के लिए हटा दिया जाए।
एजबेस्टन टेस्ट में फील्डिंग पर खास नज़र
अब सबकी निगाहें एजबेस्टन टेस्ट पर हैं। वहां टीम इंडिया से बेहतर कैचिंग की उम्मीद है ताकि पहले मैच की गलतियां दोहराई न जाएं। कैच छोड़ना किसी भी टेस्ट मैच का रुख पलट सकता है, और पहले टेस्ट में यही भारत के साथ हुआ।
टीम मैनेजमेंट भी इस बात को समझ रहा है कि अगर फील्डिंग में सुधार नहीं हुआ तो सीरीज़ में वापसी करना मुश्किल हो जाएगा। यशस्वी जायसवाल को भी अपनी फील्डिंग पर मेहनत करनी होगी ताकि वो सिर्फ बल्ले से ही नहीं, बल्कि फील्ड में भी टीम के लिए अहम साबित हों।
अगर भारत को इंग्लैंड में इतिहास रचना है तो हर खिलाड़ी को पूरी जिम्मेदारी से मैदान पर उतरना होगा। खासतौर पर कैचिंग में कोई चूक नहीं करनी होगी। एजबेस्टन में टीम इंडिया कितना सुधार दिखाती है, अब सभी क्रिकेट फैंस की नज़र उसी पर टिकी रहेगी।