टीम इंडिया के स्टार तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ने साफ कर दिया है कि वो इंग्लैंड के खिलाफ 20 जून से शुरू हो रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ में सभी मुकाबले नहीं खेल पाएंगे। बुमराह ने कहा कि फिलहाल उनका प्लान तीन टेस्ट खेलने का है, और उसके बाद वो अपनी फिटनेस और थकान को देखते हुए ही आगे कोई फैसला लेंगे।
बुमराह लंबे समय से चोट के कारण टीम से बाहर रहे हैं। वो आखिरी बार जनवरी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान टेस्ट क्रिकेट में खेले थे, लेकिन एक बार फिर पीठ की चोट की वजह से उन्हें बाहर होना पड़ा। अब वो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के नए चक्र में वापसी करने जा रहे हैं, लेकिन खुद को ज़्यादा नहीं झोंकना चाहते।
बुमराह ने खुद कहा – “तीन टेस्ट ही खेल पाऊंगा”
एक इंटरव्यू के दौरान जब पूर्व भारतीय खिलाड़ी दिनेश कार्तिक ने बुमराह से पूछा कि क्या वो पांचों टेस्ट में खेलेंगे, तो बुमराह ने ईमानदारी से जवाब दिया – “फिलहाल मेरा प्लान सिर्फ 3 टेस्ट खेलने का है। पहला टेस्ट पक्का है, उसके बाद फिर देखा जाएगा कि शरीर क्या कहता है और टीम की ज़रूरतें क्या हैं।”
उन्होंने कहा कि अगर शरीर ठीक रहा और टीम को ज़रूरत पड़ी तो शायद एक और टेस्ट खेलें, लेकिन वो कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। बुमराह का मानना है कि लंबा फॉर्मेट खेलने के लिए पूरी तरह फिट रहना ज़रूरी है, वरना टीम को भी नुकसान होता है और करियर भी खतरे में पड़ सकता है।
क्यों नहीं बने कप्तान? खुद बताया कारण
जब रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया, तो कयास लगाए जा रहे थे कि बुमराह को अगला टेस्ट कप्तान बनाया जा सकता है। लेकिन उन्होंने खुद ही कप्तानी की रेस से पीछे हटने का फैसला किया।
बुमराह ने कहा, “अगर मैं कप्तान होता और कहता कि मैं सिर्फ तीन टेस्ट ही खेल पाऊंगा, तो यह टीम के लिए अच्छा मैसेज नहीं होता। कप्तान को हर मैच के लिए मौजूद रहना चाहिए। मैं एक खिलाड़ी के तौर पर अपना 100% देना चाहता हूं, इसलिए कप्तानी की जिम्मेदारी नहीं ली।”
गिल को मिला मौका
शुभमन गिल को इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज़ के लिए भारत की टेस्ट टीम का नया कप्तान बनाया गया है। रोहित शर्मा के जाने के बाद गिल को मौका दिया गया है, जबकि बुमराह पहले रोहित के अंडर वाइस-कैप्टन थे। हालांकि बुमराह ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में दो टेस्ट मैचों में टीम की कप्तानी की थी, लेकिन उनकी लगातार चोटों की वजह से कप्तानी का जिम्मा गिल को सौंप दिया गया।
अब जब भारत और इंग्लैंड के बीच बड़ी टेस्ट सीरीज़ शुरू होने जा रही है, सभी की नजर बुमराह की गेंदबाज़ी और गिल की कप्तानी पर होगी। बुमराह की मौजूदगी भारत के लिए बड़ी ताकत है, लेकिन उनका सीमित रोल टीम मैनेजमेंट के लिए एक नई चुनौती भी लेकर आएगा।