Gautam Gambhir Image Source: Social Media
Cricket

'देश पहले, परिवार बाद में', BCCI के नए रूल पर कोच Gautam Gambhir का बड़ा बयान

गौतम गंभीर ने BCCI के नए नियम का किया समर्थन

Nishant Poonia

भारत के नए हेड कोच गौतम गंभीर ने BCCI के उस नियम का खुलकर समर्थन किया है, जिसमें खिलाड़ियों के साथ उनके परिवारों के समय को सीमित कर दिया गया है। बोर्ड ने ये फैसला बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के बाद लिया, जहां रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम 1-3 से टेस्ट सीरीज़ हार गई थी। उस निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बोर्ड ने साफ कर दिया कि अब लंबी सीरीज़ में खिलाड़ी अपने परिवार को सिर्फ 14 दिन साथ रख सकते हैं। वहीं छोटी सीरीज़ में ये सीमा 7 दिन की रहेगी।

कोहली थे इस नियम के खिलाफ

इस नियम को लेकर विराट कोहली ने पहले ही अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर दी थी। कोहली ने कहा था कि वो नहीं चाहते कि मैच के बाद वो अपने कमरे में अकेले बैठकर मायूस हों। कोहली की नज़र में परिवार का साथ रहना मानसिक रूप से बहुत ज़रूरी है।

गंभीर ने दिया अलग नजरिया

लेकिन गौतम गंभीर की सोच कुछ अलग है। इंग्लैंड में चेतेश्वर पुजारा से बातचीत में गंभीर ने साफ कहा कि खिलाड़ियों को समझना चाहिए कि वो छुट्टी पर नहीं, बल्कि देश को गौरवान्वित करने आए हैं। गंभीर ने कहा,

“परिवार ज़रूरी हैं, लेकिन आपको एक बात समझनी चाहिए। आप यहां एक मकसद से आए हैं। ये हॉलीडे नहीं है। बहुत कम लोगों को इस ड्रेसिंग रूम में या इस दौरे पर देश का नाम रोशन करने का मौका मिलता है। तो हां, मैं इस बात के खिलाफ नहीं हूं कि परिवार साथ न हो।”

गंभीर ने आगे कहा,

“अगर आपका फोकस देश के लिए खेलने पर है, और आपका मकसद उस बड़े लक्ष्य को पाना है, तो फिर बाकी सब ठीक है। मेरे लिए वो मकसद और लक्ष्य किसी भी चीज़ से बड़ा है।”

Team India

इंग्लैंड में चल रही सीरीज़ में भी लागू

गंभीर इस वक्त शुभमन गिल की कप्तानी वाली भारतीय टीम के साथ इंग्लैंड दौरे पर हैं। यहां पांच टेस्ट मैचों की एंडरसन-टेंडुलकर ट्रॉफी खेली जा रही है। सीरीज़ इस वक्त 1-1 की बराबरी पर है। भारत ने बर्मिंघम के एजबेस्टन में दूसरा टेस्ट जीतकर सीरीज़ में वापसी की थी। अब तीसरा टेस्ट लंदन के लॉर्ड्स मैदान पर खेला जा रहा है, जहां इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया।

टीम में दिख रही गंभीर की छाप

गौतम गंभीर शुरू से ही अनुशासन और कमिटमेंट के लिए जाने जाते हैं। बतौर खिलाड़ी भी उन्होंने कभी निजी चीजों को मैदान पर हावी नहीं होने दिया। अब कोच बनकर वो यही सोच टीम में भी डालना चाहते हैं। BCCI का ये नियम भी उसी दिशा में एक कदम माना जा रहा है, ताकि खिलाड़ी मैदान पर पूरा ध्यान दें और भारत को टेस्ट क्रिकेट में फिर से टॉप पर पहुंचाएं।

कुल मिलाकर गंभीर ने अपने बयान से साफ कर दिया कि टीम इंडिया में अब ‘देश पहले’ वाली सोच हावी रहने वाली है। परिवार ज़रूरी है, लेकिन देश को गर्व महसूस कराना उससे भी बड़ा मकसद है। यही सोच भारत को फिर से चैंपियन बना सकती है।