सुपर ओवर में नहीं भेजे जाने पर नितीश राणा ने अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि एक व्यक्ति हमेशा टीम के फैसलों का सम्मान करना चाहिए। राणा ने टीम के सामूहिक निर्णय को स्वीकार करते हुए अपनी भूमिका निभाने की बात कही।