भारत के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा ने युवराज सिंह के संन्यास के पीछे विराट कोहली को जिम्मेदार ठहराया है। उथप्पा ने दावा किया कि युवराज सिंह ने कैंसर से ठीक होने के बाद फिटनेस टेस्ट में राहत की मांग की थी, लेकिन तब के भारतीय कप्तान विराट कोहली ने इसे नकारा था।
युवराज सिंह का करियर और संघर्ष
युवराज सिंह को सफेद गेंद क्रिकेट में भारत के दिग्गज क्रिकेटरों में से एक माना जाता था। उन्होंने 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप में भारत को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। 2011 वर्ल्ड कप के बाद युवराज सिंह ने अमेरिका में कैंसर का इलाज करवाया और संघर्षों के बावजूद मैदान पर वापसी की। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ वनडे मैच में शतक भी लगाया। हालांकि, 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद युवराज सिंह को लगातार राष्ट्रीय टीम से नजरअंदाज किया गया और 2019 में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया।
फिटनेस टेस्ट पर विवाद
उथप्पा ने यह भी बताया कि युवराज सिंह ने फिटनेस टेस्ट में कुछ राहत की गुजारिश की थी, लेकिन टीम प्रबंधन ने इसे नकारा। हालांकि, युवराज ने फिटनेस टेस्ट पास किया और टीम में वापसी की, लेकिन खराब प्रदर्शन के कारण उन्हें फिर से नजरअंदाज किया गया। उथप्पा ने कहा, “युवराज को दो अंक कम करने की इजाजत नहीं मिली। उन्होंने फिर फिटनेस टेस्ट पास किया, लेकिन टीम से बाहर होने के बाद किसी ने उनकी परवाह नहीं की।”
विराट कोहली की कप्तानी पर उथप्पा का बयान
उथप्पा ने विराट कोहली की कप्तानी को लेकर भी अपनी राय साझा की। उन्होंने कहा, “विराट कोहली का नेतृत्व ‘माय वे या हाईवे’ की मानसिकता पर आधारित था। यह सच है कि विराट का व्यक्तित्व मजबूत था, लेकिन एक कप्तान के तौर पर यह जरूरी था कि वह अपनी टीम के साथ बेहतर तरीके से बर्ताव करें और अपने फैसलों में लचीलापन दिखाएं।”
युवराज सिंह का संन्यास
युवराज सिंह ने 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया और उसी साल मुंबई इंडियंस के लिए आईपीएल में अपना आखिरी मैच खेला। उनका करियर शानदार रहा, लेकिन दुर्भाग्यवश वे टीम में अपनी जगह कायम नहीं रख सके और अंत में उन्हें क्रिकेट से अलविदा लेनी पड़ी।