भारत और इंग्लैंड के बीच शुक्रवार को खेले गए चौथे टी20 इंटरनेशनल मैच में एक महत्वपूर्ण घटना घटी, जब तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने कन्कशन सब्स्टीट्यूट के रूप में ऑलराउंडर शिवम दुबे की जगह ली। इस फैसले पर काफी विवाद हुआ और कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स और इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने इस पर सवाल उठाए।
कन्कशन सब्स्टीट्यूट पर विवाद
शिवम दुबे को पारी के आखिरी ओवर में गेंद हेलमेट पर लगी थी। इसके बाद, उनके द्वारा खेले गए अनिवार्य कन्कशन टेस्ट में किसी प्रकार की चोट न पाए जाने के बावजूद, उन्हें मैच से बाहर कर दिया गया और हर्षित राणा को उनकी जगह मैदान पर उतारा गया। हालांकि, हर्षित राणा तेज गेंदबाज हैं, जबकि शिवम दुबे एक ऑलराउंडर हैं, जो आईसीसी के कन्कशन सब्स्टीट्यूट नियमों के अनुसार ‘लाइक-टू-लाइक’ रिप्लेसमेंट नहीं था, जिस कारण यह फैसला विवादों में घिर गया .
इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर का बयान
इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि कन्कशन रिप्लेसमेंट ‘लाइक-टू-लाइक’ होना चाहिए था। उनका कहना था, “शिवम दुबे ऑलराउंडर हैं और हर्षित राणा तेज गेंदबाज, दोनों का खेल अलग है। इस प्रकार के फैसले पर उनसे कोई सलाह नहीं ली गई और न ही वे इस निर्णय से सहमत हैं।”
हर्षित राणा की एंट्री
बटलर ने यह भी कहा कि मैच हारने का कारण यह फैसला नहीं था, लेकिन फिर भी उन्होंने साफ किया कि इस मुद्दे पर उन्हें और टीम को अधिक स्पष्टता चाहिए थी। उनका कहना था, “हमने मैच जीतने के मौके गंवाए, लेकिन हमें इस फैसले के बारे में पूरी जानकारी और सफाई चाहिए।” दुबे की चोट के बाद, हर्षित राणा को कन्कशन सब्स्टीट्यूट के रूप में मैदान पर उतारा गया। यह सब्स्टीट्यूट भारत के पक्ष में एक रणनीतिक फैसला साबित हो सकता था, लेकिन इंग्लैंड के खिलाड़ियों और कुछ क्रिकेट विशेषज्ञों ने इसे नियमों के खिलाफ बताया।