Westendies के खिलाफ Dhruv Jurel का पहला टेस्ट शतक आया, Rishabh Pant की गैरमौजूदगी में मौके को भुनाया

By Juhi Singh

Published on:

Dhruv Jurel Century

Dhruv Jurel Century: भारतीय क्रिकेट में एक कहावत अक्सर दोहराई जाती है कि अगर टीम इंडिया के लिए लंबा खेलना है तो हर मौके को पकड़कर उस पर खरा जरूर उतरना कई खिलाड़ी ऐसे मौके गंवा देते हैं, तो कुछ उन्हें सोने में तब्दील कर देते हैं। ध्रुव जुरेल उन्हीं नामों में शामिल होते जा रहे हैं जिन्होंने दिखा दिया कि वह सिर्फ टीम में जगह बनाने के लिए नहीं, बल्कि लंबे वक्त तक टिकने और फर्क डालने के लिए आए हैं।

अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी ध्रुव जुरेल के करियर की सबसे यादगार पारी बन गई। ऋषभ पंत की गैरमौजूदगी में मिले मौके को उन्होंने किसी तरह गंवाया नहीं, बल्कि 125 रनों की बेहतरीन पारी के साथ अपनी पहचान बना डाली।

Dhruv Jurel Century
Dhruv Jurel Century

Dhruv Jurel Century: दबाव की घड़ी में बल्लेबाज़ी

मैच के दूसरे दिन सुबह का सेशन भारतीय टीम के लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहा। कप्तान शुभमन गिल के आउट होने के बाद ध्रुव जुरेल आये . यह उनका करियर का छठा टेस्ट था, लेकिन पारी खेलने का अंदाज़ किसी अनुभवी खिलाड़ी जैसा रहा। उन्होंने पहले सीनियर साथी केएल राहुल के साथ साझेदारी की और धैर्यपूर्वक खेल को आगे बढ़ाया। राहुल ने पहले शतक पूरा किया, फिर जुरेल ने अपने स्ट्रोक्स से खेल का रंग बदल दिया। उनकी बल्लेबाज़ी में टेस्ट मैच की सधी हुई समझ और लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट की अटैकिंग झलक दोनों नजर आईं।

Dhruv Jurel Century
Dhruv Jurel Century

शतक का ऐतिहासिक पल

तीसरे सेशन में जब जुरेल ने कवर ड्राइव के जरिए चौका लगाया और 190 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया, तो स्टेडियम गूंज उठा। यह सिर्फ एक रन आंकड़ा नहीं था, बल्कि उस भरोसे का सबूत था कि भारत को एक और विकेटकीपर-बल्लेबाज़ मिल चुका है जो बड़े मौकों पर खड़ा हो सकता है। उनकी इस पारी में 15 चौके और 3 गगनचुंबी छक्के शामिल रहे।

शतक के बाद भी जुरेल ने बल्लेबाज़ी जारी रखी और 125 रन तक पहुंचे। जुरेल भारत के लिए टेस्ट शतक जमाने वाले 12वें विकेटकीपर-बल्लेबाज़ बन गए। वह भारत के पांचवें विकेटकीपर बने जिन्होंने अपना पहला शतक वेस्टइंडीज़ के खिलाफ ही जड़ा। उनसे पहले विजय मांजरेकर, फारुख इंजीनियर, अजय रात्रा और ऋद्धिमान साहा ने यह उपलब्धि हासिल की थी।

Also Read: Irani Cup में Rest of India की पहली पारी ढही, Vidarbha ने हासिल की बढ़त