Vijay Hazare Trophy में Devdutt Padikkal का धमाल, Australia से लौटते ही दिखाया जलवा

By Juhi Singh

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ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद देवदत्त पडिक्कल ने अपनी शानदार बैटिंग से एक बार फिर साबित कर दिया कि वह किसी भी परिस्थिति में खुद को साबित करने में सक्षम हैं। जी हाँ उनकी यह शतकीय पारी न केवल कर्नाटक के लिए महत्वपूर्ण रही, बल्कि उनकी फिटनेस और फॉर्म में निरंतरता को भी दर्शाती है। दरअसल भारतीय क्रिकेट टीम के बाएं हाथ के बल्लेबाज देवदत्त पडिक्कल, जो हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम के साथ थे। अब विजय हजारे ट्रॉफी में अपनी धमाकेदार वापसी कर चुके हैं। कर्नाटक और बड़ौदा के बीच खेले गए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में देवदत्त ने कर्नाटक की ओर से ओपनिंग करते हुए पहले ही मैच में शानदार शतक जड़ दिया।

8 विकेट खोकर 281 रन तक ही पहुंची

पडिक्कल ने बड़ौदा के खिलाफ 99 गेंदों में 102 रन बनाकर यह साबित कर दिया कि वह किसी भी चुनौती के लिए तैयार हैं। उनकी इस पारी में 15 चौके और 2 छक्के शामिल थे। पडिक्कल की शानदार बैटिंग ने कर्नाटक को एक मजबूत शुरुआत दिलाई, हालांकि टीम अंत में 50 ओवर में 8 विकेट खोकर 281 रन तक ही पहुँच सकी।

देवदत्त को टीम से बाहर कर दिया गया।

पडिक्कल का सफर ऑस्ट्रेलिया में शुरू हुआ, जहां उन्होंने दो अनऑफिशियल टेस्ट खेले। इन मैचों में उनके प्रदर्शन को देखकर उन्हें भारतीय टेस्ट टीम में जगह दी गई थी। हालांकि, पर्थ टेस्ट में उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई थी, जहां पहली पारी में वह बिना खाता खोले आउट हो गए थे और दूसरी पारी में महज 25 रन ही बना पाए थे। इसके बाद, कप्तान रोहित शर्मा की वापसी के साथ देवदत्त को टीम से बाहर कर दिया गया।

क्वार्टर फाइनल मैच कर्नाटक और बड़ौदा के बीच खेला गया

लेकिन उनके पास अवसर की कोई कमी नहीं थी। विजय हजारे ट्रॉफी में कर्नाटक के लिए खेलते हुए देवदत्त ने अपनी क्रिकेटिंग काबिलियत को फिर से साबित कर दिया। विजय हजारे ट्रॉफी का यह क्वार्टर फाइनल मैच कर्नाटक और बड़ौदा के बीच खेला गया, जिसमें कर्नाटक ने 50 ओवर में 281 रन बनाए। मैच में कर्नाटक को मजबूत शुरुआत मिली थी, लेकिन पडिक्कल के विकेट के बाद टीम ने लगातार विकेट गंवाए। हालांकि, देवदत्त की पारी ने इस मैच को खास बना दिया। बड़ौदा की टीम अब इस चुनौती का सामना करेगी और कर्नाटक को अपने प्रयासों को दोगुना करना होगा।

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