चेपॉक में CSK की बादशाहत का अंत, IPL 2025 में घरेलू मैदान बना कमजोरी

By Juhi Singh

Published on:

चेन्नई सुपर किंग्स और एमए. चिदंबरम स्टेडियम, जिसे लोग प्यार से चेपॉक कहते हैं, का रिश्ता हमेशा से खास रहा है। यह वही मैदान है जहां CSK ने अपनी जीतों की कहानियां रचीं, विरोधियों को घुटनों पर लाया और एक अपराजेय किला खड़ा किया। लेकिन IPL 2025 में इस गढ़ की दीवारें ढह गईं। ऋतुराज गायकवाड़ की अनुपस्थिति में एमएस धोनी की वापसी हुई, लेकिन वह भी टीम की डूबती नैया को नहीं बचा सके।

चेपॉक में CSK पर लगे चार बड़े दाग

इस सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स ने चेपॉक में कुल 5 मुकाबले खेले, जिनमें से 4 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। ये चार हारें न केवल हार के आंकड़े हैं, बल्कि उन पर लगे ऐसे ‘दाग’ हैं जो शायद कभी नहीं मिटेंग। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने चेपॉक में 17 साल बाद CSK को हराकर इतिहास रच दिया। यह हार न केवल एक मैच की हार थी, बल्कि एक लंबे अजेय सिलसिले का अंत भी था। दिल्ली कैपिटल्स (DC) ने चेपॉक में 15 साल बाद जीत दर्ज कर ली। इस हार ने CSK के घरेलू दबदबे पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया। कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के खिलाफ CSK की टीम महज 103 रनों पर ढेर हो गई – चेपॉक के इतिहास में CSK का यह सबसे कम स्कोर रहा। सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) ने पहली बार चेपॉक में CSK को हराकर नया कीर्तिमान बना दिया। यह हार दर्शाती है कि अब चेपॉक, विरोधी टीमों के लिए डर का कारण नहीं रह गया।

इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा चेपॉक में

IPL के इतिहास में यह पहली बार है जब CSK ने एक ही सीजन में अपने घरेलू मैदान पर लगातार चार मुकाबले गंवाए हैं। इससे पहले 2008 और 2012 में भी टीम को चार-चार मैचों में हार मिली थी, लेकिन तब टीम ने ज्यादा मैच खेले थे। इस बार CSK ने 5 में से 4 मैच हारकर अपने ही रिकॉर्ड की बराबरी कर ली – और शायद उससे भी ज्यादा निराशाजनक अंदाज़ में।

धोनी का T20 अभिशाप भी रहा बरकरार

एमएस धोनी, जिन्हें क्रिकेट का ‘कैप्टन कूल’ कहा जाता है, उनके लिए भी यह सीजन कुछ अलग लेकर आया – लेकिन सकारात्मक नहीं। उनके करियर का एक अजीब संयोग रहा है – हर 100वें टी20 मैच में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है:

2011 – 100वां मैच – हार

2015 – 200वां मैच – हार

2015 – 300वां मैच – हार

2025 – 400वां मैच – हार