भारत के बिना चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट के हित में नहीं

By Ravi Kumar

Published on:

Champions Trophy without India is not in the interest of cricket :

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का समय करीब आ रहा है, लेकिन इस बात को लेकर कोई अपडेट नहीं है कि भारतीय टीम 27 साल बाद पाकिस्तान की यात्रा करेगी या नहीं। हालांकि, बीसीसीआई ने कई बार यह साफ कर दिया है कि भारत पाकिस्तान नहीं जाएगा।

इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के मुख्य कार्यकारी एवं अध्यक्ष रिचर्ड गोल्ड और रिचर्ड थॉम्पसन ने बुधवार को कहा कि अगर भारत पाकिस्तान की यात्रा नहीं करता है तो कई अलग-अलग विकल्प होंगे, जिसमें हाइब्रिड मॉडल के इस्तेमाल की संभावना बढ़ गई है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की भागीदारी के बिना चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट के हित में नहीं होगा।

दोनों देशों और उनकी सरकार के बीच तकरार की वजह से बीसीसीआई ने पिछले साल एशिया कप के लिए भारतीय टीम को पाकिस्तान नहीं भेजा था, जिससे यह हाइब्रिड मॉडल पर खेला गया और भारत के सभी मैच श्रीलंका में हुए। पिछले साल पाकिस्तान वनडे विश्व कप के लिए भारत आया था और सेमीफाइनल में जगह बनाने से मामूली अंतर से चूक गया।

ईएसपीएनक्रिकइन्फो ने थॉम्पसन के हवाले से कहा, जब ये दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ खेलते हैं, तो हमेशा सुरक्षा संबंधी चिंताएं रहती हैं। शायद इसी वजह से महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे। लेकिन मैं जानता हूं कि इस समय दोनों देशों के बीच संबंध उतने ही बेहतर हैं जितने हो सकते हैं। हमने न्यूयॉर्क में पुरुषों के टी20 विश्व कप में इसे देखा है।

साल 1996 में सह मेजबान के तौर पर वनडे विश्व कप की मेजबानी करने के बाद से पाकिस्तान ने किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी नहीं की है। पीसीबी ने पहले ही कह दिया है कि वह विश्व स्तरीय टूर्नामेंट के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। भारत की टीम पाकिस्तान की यात्रा करेगी या नहीं, यह भारतीय सरकार और बीसीसीआई पर निर्भर करता है।

चैंपियंस ट्रॉफी 19 फरवरी से 9 मार्च तक होगी। मैच लाहौर, कराची और रावलपिंडी में खेले जाएंगे।

हाल ही में लाहौर में बोलते हुए पीसीबी अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने भारत की भागीदारी को लेकर चल रही अनिश्चितता को संबोधित किया। दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव के कारण भारत ने जुलाई 2008 से पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है। हालांकि, नकवी टूर्नामेंट में भारत के शामिल होने को लेकर आशावादी हैं।

Exit mobile version