BCCI ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए जारी किये नए दिशानिर्देश,अब पूरे दौरे में साथ नहीं रहेगा परिवार

By Juhi Singh

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हाल ही में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम की टेस्‍ट सीरीज में मिली करारी हार के बाद, बीसीसीआई ने खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ के लिए नए दिशा-निर्देशों का मसौदा तैयार किया है। मुंबई में बीसीसीआई के अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक के बाद ये कदम उठाने का निर्णय लिया गया है। बैठक में भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर, मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर और कप्तान रोहित शर्मा भी शामिल थे। बता दें बीसीसीआई अब 2019 से पहले के नियमों को फिर से लागू करने पर विचार कर रहा है, जिनमें कोविड-19 के कारण कुछ छूट दी गई थी। इसके तहत प्रमुख बदलाव किए गए हैं, जिनमें खासतौर पर क्रिकेटरों के साथ उनके परिवार के रहने की अवधि पर ध्यान दिया गया है।

खिलाड़ियों के परिवार के साथ रहने की नीति

बीसीसीआई ने यह निर्णय लिया है कि 45 दिनों या उससे ज्यादा समय तक चलने वाले टूर्नामेंटों में, केवल 14 दिन ही खिलाड़ियों के परिवार को उनके साथ रह सकेगा। यदि दौरा छोटा होगा तो यह अवधि 7 दिन तक सीमित रहेगी। ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान यह देखा गया था कि कई क्रिकेटरों की पत्नियां और परिवार पूरे दौरे में उनके साथ रहे थे, जिसका असर उनके प्रदर्शन पर पड़ा। अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि परिवार के सदस्य केवल सीमित समय के लिए ही खिलाड़ियों के साथ रहें।

टीम बस से यात्रा की सख्ती

बीसीसीआई ने यह भी निर्णय लिया है कि अब टीम के सभी खिलाड़ी केवल टीम बस से ही यात्रा करेंगे। किसी भी खिलाड़ी को अपने व्यक्तिगत वाहन से यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, चाहे वह कितना भी बड़ा खिलाड़ी क्यों न हो। इससे टीम में एकता बनी रहेगी और सभी खिलाड़ी एक साथ यात्रा करेंगे।

गौतम गंभीर के मैनेजर गौरव अरोड़ा अब टीम के साथ दौरे पर नहीं जाएंगे। पहले गंभीर के मैनेजर को टीम होटल में रहने और वीआईपी बॉक्स में बैठने की अनुमति थी, लेकिन अब उन्हें टीम से अलग रखा जाएगा। वह टीम बस में यात्रा नहीं करेंगे और न ही स्टेडियम में वीआईपी बॉक्स में बैठने की अनुमति होगी।

बता दें बीसीसीआई ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है कि यदि किसी खिलाड़ी का वजन 150 किलोग्राम से अधिक होता है तो उसे एयरलाइंस को अतिरिक्त शुल्क का भुगतान खुद करना होगा। बीसीसीआई इन खिलाड़ियों को अतिरिक्त यात्रा शुल्क नहीं देगा।

सहयोगी स्टाफ का कार्यकाल

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम के सहयोगी स्टाफ को लेकर भी सवाल उठ रहे थे। लंबे समय से टीम से जुड़े स्टाफ के कारण प्रदर्शन में जड़ता आ गई थी। अब यह तय किया गया है कि सहयोगी स्टाफ का कार्यकाल अधिकतम तीन साल होगा, जिसमें दो साल का मूल कार्यकाल और एक साल का विस्तार होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रदर्शन में निरंतरता बनी रहे और टीम की जरूरत के हिसाब से नए सहयोगी स्टाफ को मौका मिले।