हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के प्रदर्शन से फैंस और बीसीसीआई दोनों ही नाखुश हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हार और फिर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी गंवाने के बाद, बोर्ड ने टीम के प्रदर्शन पर कड़ी निगरानी रखनी शुरू कर दी है। हालात ऐसे हैं कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने टीम इंडिया के लिए 10 सख्त नियम जारी किए हैं और कुछ सीनियर खिलाड़ियों को आखिरी मौका दिए जाने की चर्चा भी हो रही है। बीसीसीआई की नाराजगी सिर्फ टीम के प्रदर्शन तक सीमित नहीं है, बल्कि कोच गौतम गंभीर पर भी सवाल उठाए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में उन्हें हार के कारणों पर सफाई देने को कहा गया था और यह भी खबरें आईं कि उन्हें चेतावनी दी गई थी। गौतम गंभीर का कोचिंग करियर करीब एक साल पूरा करने वाला है, और इस दौरान टीम की सुधारात्मक दिशा पर नजर डाली जा रही है।
आकाश चोपड़ा की राय
पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने इस मुद्दे पर अपने विचार साझा किए हैं। उनके मुताबिक, गौतम गंभीर की कोचिंग का वास्तविक मूल्य इंग्लैंड दौरे के बाद तय होगा। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि उन्हें इंग्लैंड का दौरा मिलेगा, और तब बीसीसीआई उनसे यह सवाल कर सकेगा कि एक साल में टीम में क्या बदलाव किए गए, किस तरह के सुधार किए गए, और क्या टीम के प्रदर्शन में कोई सुधार हुआ है?”
चैंपियंस ट्रॉफी का महत्व
आकाश चोपड़ा का मानना है कि चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का प्रदर्शन भी गौतम गंभीर के कोचिंग कार्यकाल के लिए महत्वपूर्ण होगा, लेकिन इंग्लैंड दौरा और इसके बाद का परफॉर्मेंस ज्यादा निर्णायक साबित हो सकता है। चोपड़ा ने कहा, “आप किसी भी खिलाड़ी की समीक्षा करते हैं, तो कोच की भी समीक्षा होनी चाहिए। यह कोई बुरी बात नहीं है, क्योंकि कोच भी टीम के प्रदर्शन का अहम हिस्सा होते हैं।”