
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट में हालिया प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही बार्डर-गावस्कर ट्रॉफी में रोहित ने अब तक बल्ले से कोई खास योगदान नहीं दिया है। चौथे टेस्ट में उन्होंने पैट कमिंस की गेंद पर एक गैर-जिम्मेदाराना शॉट खेलकर अपना विकेट गंवा दिया। महज 3 रन बनाकर रोहित पवेलियन लौट गए, और उनकी खराब फॉर्म का सिलसिला जारी रहा।
चार पारियों में कुल 22 रन
इस सीरीज में रोहित ने अब तक 4 पारियों में सिर्फ 22 रन बनाए हैं। शुरुआत में जब वह छठे नंबर पर बल्लेबाजी कर रहे थे, तो वहां भी उनका प्रदर्शन खराब रहा। उन्होंने क्रमश: 3, 6 और 10 रन बनाए। इसके बाद टीम मैनेजमेंट ने उन्हें शुभमन गिल की जगह ओपनिंग में वापस भेजा, लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ। चौथे टेस्ट में रोहित 5 गेंदों में सिर्फ 3 रन बनाकर आउट हो गए। पीएम इलेवन के खिलाफ प्रैक्टिस मैच में भी वह केवल 3 रन ही बना पाए थे।
तेज गेंदबाजों के खिलाफ संघर्ष जारी
पिछले आठ टेस्ट मैचों में रोहित का प्रदर्शन गिरावट पर है। चाहे वह बांग्लादेश के तेज गेंदबाज हों, न्यूजीलैंड के या ऑस्ट्रेलिया के, रोहित शर्मा तेज गेंदबाजी के खिलाफ टिक नहीं पा रहे हैं। इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में वह अच्छी फॉर्म में थे, लेकिन उसके बाद से उनका बल्ला शांत है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में फॉर्म पर दी सफाई
तीसरे टेस्ट के बाद जब उनसे खराब फॉर्म पर सवाल किया गया, तो रोहित ने इसे हल्के में लिया। उन्होंने कहा, “मैं फॉर्म में हूं क्योंकि मुझे अंदर से अच्छा महसूस हो रहा है। मैं नेट्स में अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूं।” हालांकि, मैदान पर उनके प्रदर्शन से यह बात मेल नहीं खाती।
टीम मैनेजमेंट भी बार-बार यही कह रहा है कि रोहित फॉर्म में हैं, लेकिन अगर आने वाली पारियों में वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर किया जा सकता है। कुछ क्रिकेट विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि रोहित जल्द ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला कर सकते हैं।
रोहित के लिए आगे की राह मुश्किल
भारतीय टीम को रोहित शर्मा से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। कप्तान के रूप में उनका कद बड़ा है, लेकिन अगर बल्ले से योगदान नहीं आया, तो टीम को जल्द ही बड़ा फैसला लेना पड़ सकता है।