
पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर की कोचिंग पर कड़े सवाल उठाए हैं। तिवारी ने गंभीर पर पक्षपात, पीआर गेम, और अनुभव की कमी का आरोप लगाया। यह विवाद तब बढ़ा जब गंभीर के कोच रहते हुए भारतीय टीम को हाल ही में टेस्ट सीरीज और घरेलू सीरीज में हार का सामना करना पड़ा।
कोचिंग बनाम मेंटरिंग
मनोज तिवारी ने एक इंटरव्यू में कहा, “गंभीर ने अब तक कोचिंग का कोई अनुभव नहीं लिया है। उन्होंने केवल मेंटर के रूप में काम किया है। मेंटरिंग और कोचिंग में बड़ा अंतर है। भारत को टेस्ट सीरीज और घरेलू सीरीज में मिली हार यह साफ दिखाती है कि अनुभव की कमी का असर टीम पर पड़ा है।” उन्होंने कहा कि अगर गंभीर अपनी गलतियों से सीखें और सुधार करें, तो भविष्य में बेहतर परिणाम संभव हैं।
गंभीर को ‘पाखंडी’ कहा
तिवारी ने गंभीर के पुराने बयान पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘पाखंडी’ कहा। उन्होंने कहा, “गंभीर ने पहले विदेशी कोचों को भारतीय क्रिकेट की भावना न समझने वाला बताया था, लेकिन खुद उन्होंने विदेशी कोचों (रयान टेन डोशेट और मॉर्न मोर्कल) को चुना। यह उनके शब्दों और कामों के बीच विरोधाभास दिखाता है।”
पक्षपात और पीआर गेम का आरोप
तिवारी ने गंभीर पर खिलाड़ियों के चयन में पक्षपात का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, “नीतीश राणा और हर्षित राणा जैसे खिलाड़ी सोशल मीडिया पर गंभीर का समर्थन कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि हर्षित राणा को आकाश दीप के ऊपर कैसे चुना गया? आकाश दीप ने शानदार प्रदर्शन किया था, फिर भी उन्हें बाहर कर दिया गया।”
2015 रणजी विवाद
तिवारी ने 2015 रणजी ट्रॉफी के एक विवाद को याद करते हुए गंभीर पर व्यक्तिगत हमले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “दिल्ली में रणजी मैच के दौरान गंभीर ने मुझसे झगड़ा किया और मेरे परिवार तक को गालियां दीं। सभी ने उनके शब्द सुने थे। यह उनका वही पीआर गेम है, जहां वे अपनी छवि को बचाने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं।”
आगे क्या?
गंभीर और तिवारी के बीच यह विवाद नया नहीं है, लेकिन तिवारी द्वारा गंभीर पर लगाए गए आरोपों ने भारतीय क्रिकेट में नए सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि गंभीर इन आरोपों का क्या जवाब देते हैं।