
महेंद्र सिंह धोनी, जिन्हें उनके शांत और सरल स्वभाव के लिए जाना जाता है, हमेशा से सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखते हैं। क्रिकेट के मैदान पर अपनी सफलता और नेतृत्व कौशल के लिए मशहूर धोनी ने कभी सोशल मीडिया को अपने जीवन का हिस्सा नहीं बनाया। हाल ही में Eurogrip Tyres के साथ हुए एक इंटरव्यू में उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखने के पीछे का कारण साझा किया और इस विषय पर अपनी स्पष्ट राय दी।
सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने का दबाव
धोनी ने बताया कि करियर के शुरुआती दौर से ही उनके मैनेजर्स ने उन्हें सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा, “जब मैंने 2004 में क्रिकेट खेलना शुरू किया, तब सोशल मीडिया का इतना प्रभाव नहीं था। बाद में ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म आए। मेरे सभी मैनेजर्स ने कहा कि मुझे सोशल मीडिया का उपयोग करना चाहिए, फैंस से जुड़ना चाहिए और अपनी पब्लिक रिलेशन मजबूत करनी चाहिए।”
हालांकि, धोनी ने इस बात को कभी प्राथमिकता नहीं दी। उनके लिए क्रिकेट ही सबसे महत्वपूर्ण था। उन्होंने कहा, “अगर मैं अच्छा क्रिकेट खेलता हूं, तो मुझे किसी पीआर की जरूरत नहीं है।”
सोशल मीडिया से तनाव मुक्त जीवन
धोनी ने यह भी बताया कि सोशल मीडिया से दूरी रखने से उनके जीवन में अनावश्यक तनाव कम हो गया। उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया पर क्या पोस्ट करें, क्या न करें, यह एक बड़ी चुनौती बन जाती है। मैं हमेशा यही सोचता था कि अगर कोई बात सच में जरूरी होगी, तो उसे साझा करूंगा।”
धोनी का मानना है कि फॉलोअर्स की संख्या या ट्रेंड्स के पीछे भागने से ज्यादा जरूरी है अपने काम पर ध्यान देना। उन्होंने कहा, “मुझे यह सोचने में कभी दिलचस्पी नहीं रही कि किसके पास कितने फॉलोअर्स हैं। मेरी प्राथमिकता हमेशा मेरा खेल और मेरी टीम रही है।”
धोनी का सादा जीवन दर्शन
धोनी का यह दृष्टिकोण दर्शाता है कि उनके लिए सफलता का मतलब सिर्फ मैदान पर प्रदर्शन करना है। उनका मानना है कि अगर इंसान अपने काम में पूरी लगन और ईमानदारी से जुटा रहता है, तो उसे किसी बाहरी प्रचार या पीआर की जरूरत नहीं होती। धोनी की यह सादगी और ईमानदारी उनके फैंस के लिए प्रेरणा है और यही वजह है कि वह आज भी करोड़ों लोगों के दिलों में राज करते हैं।