
भारतीय क्रिकेट टीम इस समय बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में चौथे टेस्ट में हार के बाद मुश्किल दौर से गुजर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा की टीम में वापसी की सिफारिश की थी। हालांकि, चयनकर्ताओं ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
ड्रेसिंग रूम में बढ़ा तनाव
मेलबर्न टेस्ट में हार के बाद भारतीय ड्रेसिंग रूम का माहौल तनावपूर्ण बताया जा रहा है। “द इंडियन एक्सप्रेस” की रिपोर्ट के अनुसार, गौतम गंभीर खिलाड़ियों के प्रदर्शन से खासे नाराज हैं और उन्होंने टीम की आलोचना भी की है। ऐसे में पुजारा जैसे अनुभवी खिलाड़ी की वापसी को गंभीर ने अहम बताया था, लेकिन चयनकर्ताओं ने इसे मंजूरी नहीं दी।
पुजारा का अनुभव और शानदार रिकॉर्ड
चेतेश्वर पुजारा ने भारत के लिए 100 से ज्यादा टेस्ट खेले हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में खेले गए 11 टेस्ट मैचों में 47.28 की औसत से 993 रन बनाए हैं। 2018-19 की सीरीज में उन्होंने 1258 गेंदों पर 521 रन बनाकर भारत की ऐतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाई थी। इसके बाद 2020-21 की सीरीज में भी पुजारा ने 928 गेंदों पर 271 रन बनाकर भारतीय बल्लेबाजी का आधार मजबूत किया था।
मौजूदा सीरीज में भारतीय बल्लेबाजी क्रम संघर्ष कर रहा है। ऐसे में गंभीर का मानना था कि पुजारा की तकनीक और अनुभव टीम को संभाल सकते हैं। लेकिन चयनकर्ताओं ने इस अपील को खारिज कर दिया।
रणजी ट्रॉफी में पुजारा का दमदार प्रदर्शन
पुजारा ने हाल ही में घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने रणजी ट्रॉफी में छत्तीसगढ़ के खिलाफ खेलते हुए अपना 25वां शतक लगाया, जिसे 18वें फर्स्ट क्लास दोहरे शतक में तब्दील किया। इस उपलब्धि के साथ वह डॉन ब्रैडमैन (37), वॉली हैमंड (36), और पैट्सी हेंड्रेन (22) के बाद सबसे ज्यादा फर्स्ट क्लास दोहरे शतक लगाने वाले बल्लेबाजों में चौथे स्थान पर पहुंच गए।
चयनकर्ताओं का फैसला और सवाल
पुजारा को टीम में शामिल न करने का फैसला कई सवाल खड़े करता है। गंभीर का मानना था कि ऑस्ट्रेलिया की परिस्थितियों में पुजारा जैसे खिलाड़ी टीम के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। हालांकि, चयनकर्ता इस पर सहमत नहीं हुए।
पुजारा की वापसी की चर्चा ने भारतीय क्रिकेट में एक बार फिर अनुभव बनाम नए खून की बहस छेड़ दी है।