Gautam Gambhir Experiment: भारतीय क्रिकेट टीम इन दिनों क्रिकेट कम और एक्सपेरीमेंट ज्यादा करती दिख रही है। प्लेइंग इलेवन और बल्लेबाजी क्रम का हाल ऐसा है कि फैंस समझ ही नहीं पा रहे कि टीम की कोई रणनीति है भी या नहीं। कभी नंबर 7 का बल्लेबाज नंबर 3 पर भेज दिया जाता है, कभी गेंदबाज ओवर नहीं डालता और कभी ऑलराउंडर प्लेइंग इलेवन में शामिल है लेकिन उससे गेंदबाजी नहीं करानी।
हेड कोच गौतम गंभीर के कार्यकाल में यह एक्सपेरीमेंट का सिलसिला इतना बढ़ गया है कि टीम इंडिया का बैलेंस पूरी तरह बिगड़ता जा रहा है। इसका सीधा असर टीम के प्रदर्शन पर दिख रहा है – घर में 13 साल बाद न्यूजीलैंड से हारने के बाद अब टीम इंडिया 26 साल के बाद घर पर साउथ अफ्रीका के हाथों टेस्ट सीरीज हारती हुई नजर आ रही है।
Gautam Gambhir Experiment: अक्षर की जगह रेड्डी, लेकिन क्यों?

गुवाहाटी टेस्ट में सबसे चौंकाने वाला फैसला तब आया जब अक्षर पटेल की जगह नितीश कुमार रेड्डी को शामिल किया गया। उम्मीद थी कि रेड्डी एक तेज गेंदबाज ऑलराउंडर के रूप में बड़ा योगदान देंगे, लेकिन उन्होंने पहली पारी में सिर्फ 6 ओवर ही फेंके।

ऐसे में सवाल उठता है कि अगर रेड्डी बॉलिंग करने ही वाले नहीं थे, तो फिर क्या अक्षर पटेल जैसे अनुभवी ऑलराउंडर को बाहर बैठाना सही फैसला था?
सुंदर का रोल समझ ही नहीं आ रहा

इसके अलावा कोलकाता टेस्ट में वाशिंगटन सुंदर को नंबर 3 पर भेजा गया था। उन्हें भारत के भविष्य का ऑलराउंडर माना जाता है, लेकिन नंबर 3 जैसी जिम्मेदारी बहुत बड़ी है। इसके बावजूद उन्होंने वहां बाकि खिलाड़ियों से अच्छा प्रदर्शन भी किया था। इसके उलट गुवाहाटी टेस्ट में सुंदर को सीधे नंबर 8 पर बल्लेबाजी करने उतरे। यानी एक टेस्ट में टॉप ऑर्डर, अगले टेस्ट में लोअर ऑर्डर, समझना मुश्किल है कि ये बल्लेबाजी क्रम है या म्यूजिकल चेयर का खेल?
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