
महेंद्र सिंह धोनी का नाम आईपीएल और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) का पर्याय है। लेकिन 2016 और 2017 के सीजन में धोनी को CSK के बाहर रहना पड़ा। इसकी वजह थी CSK पर 2013 के स्पॉट फिक्सिंग विवाद के चलते लगा दो साल का प्रतिबंध। इन सीजनों में धोनी राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स (RPS) टीम का हिस्सा बने।
पहले सीजन में RPS का प्रदर्शन काफी खराब रहा और टीम पॉइंट्स टेबल में नीचे से दूसरे स्थान पर रही। अगले साल टीम ने बेहतरीन वापसी की और फाइनल तक का सफर तय किया। हालांकि, 2017 की नीलामी से पहले टीम के मालिकों ने चौंकाने वाला फैसला लिया—धोनी को कप्तानी से हटा दिया गया और स्टीव स्मिथ को नया कप्तान बना दिया गया।
धोनी की कप्तानी हटाने का विवाद
धोनी जैसे सफल कप्तान, जिन्होंने CSK को दो आईपीएल खिताब दिलाए थे, को हटाने का फैसला फैंस और क्रिकेट जगत के लिए बड़ा झटका था। इसके पीछे की असल वजह कभी सामने नहीं आई। उस समय भारतीय टीम की लिमिटेड ओवर की कप्तानी छोड़ चुके धोनी को इस बदलाव पर कोई सार्वजनिक बयान देते नहीं देखा गया।
संजीव गोयनका का बड़ा बयान
हाल ही में, RPS के मालिक और अब लखनऊ सुपरजायंट्स के मालिक संजीव गोयनका ने इस बारे में खुलकर बात की। उन्होंने कहा, “जो भी फैसला लिया गया, वह पूरी स्पष्टता और सोच के साथ लिया गया था। धोनी से मेरे रिश्ते आज भी बहुत अच्छे हैं। हर बातचीत में उनसे कुछ नया सीखने को मिलता है।”
उन्होंने यह भी बताया कि धोनी ने इस फैसले को कभी सार्वजनिक रूप से नहीं उठाया। गोयनका के अनुसार, “यह बातचीत सिर्फ हमारे बीच हुई थी। धोनी इस पर कभी बात नहीं करेंगे और यही सही है।”
निजी मसला बना रहेगा
गोयनका का यह बयान इस बात की पुष्टि करता है कि धोनी का व्यक्तित्व कितना बड़ा है। उन्होंने न सिर्फ इस विवाद को शांतिपूर्वक संभाला बल्कि टीम के लिए अपना योगदान भी जारी रखा।