भारत के तेज़ गेंदबाज़ आकाश दीप के लिए इंग्लैंड दौरा यादगार रहा। इस दौरे में उन्होंने एक मैच में 10 विकेट चटकाए और एक मुकाबले में अर्धशतक लगाया – दोनों ही टीम की जीत में अहम साबित हुए। हालांकि इस कामयाबी के पीछे सिर्फ मेहनत ही नहीं, बल्कि उनके कोच और कप्तान का भी बड़ा योगदान रहा।
आकाश दीप बतया कि उनके कोच गौतम गंभीर ने उन्हें खुद से ज्यादा भरोसा दिया। Gautam Gambhir ने उन्हें कहा “तुमको खुद पता नहीं तुम क्या कर सकते हो। See, I was telling you, you can do it. You have to play with this dedication always,” “गौतम भाई बहुत पैशनेट कोच हैं, वो हमेशा हमें मोटिवेट करते हैं और उन्हें मुझ पर मुझसे ज़्यादा भरोसा है – बैटिंग और बॉलिंग दोनों में।”
रोहित शर्मा की कप्तानी में डेब्यू करने के बाद अब जब वे शुभमन गिल की कप्तानी में खेल रहे हैं, तो उन्हें तालमेल बिठाने में कोई परेशानी नहीं हुई। आकाश दीप मानते हैं कि शुभमन शांत स्वभाव के कप्तान हैं लेकिन उनके पास मैदान पर आइडियाज की कोई कमी नहीं है। आकाश कहते हैं, “शुभमन पहले से IPL में कप्तानी कर चुके हैं, जिससे उन्हें बड़ा अनुभव मिला है। जब कप्तान सपोर्ट करता है, तो खिलाड़ी के अंदर भी आत्मविश्वास बढ़ता है।”
यह इंग्लैंड दौरा उनके लिए पहला था, लेकिन वहां की परिस्थितियों को देखकर उन्हें लगा जैसे वह घर में ही खेल रहे हों। उन्होंने बताया, “चार टेस्ट में पिचें पारंपरिक इंग्लिश कंडीशन जैसी नहीं थीं। गेंद ज़्यादा मूव नहीं हो रही थी, इसलिए हमें इंडियन लेंथ यानी फुल लेंथ डालनी पड़ी।”
नेट्स में तैयारी को लेकर आकाश दीप ने एक खास बात शेयर की, “भले ही मैं यशस्वी को नेट्स में बॉल डालूं, लेकिन मेरा प्लान डकेट और रूट के लिए होता था।” उन्होंने बताया कि वो नेट्स में मैच जैसी स्थिति बनाकर प्लान करते हैं।
फिटनेस को लेकर आकाश दीप ने कहा कि कुछ इंजरी ऐसी होती हैं जो मैदान पर टक्कर के चलते होती हैं और उन्हें रोका नहीं जा सकता। लेकिन ट्रेनिंग से जुड़ी चोटों से बचने की पूरी कोशिश रहती है।
अब तक आकाश दीप 10 टेस्ट खेल चुके हैं और 28 विकेट ले चुके हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें सिर्फ टेस्ट के लिए ही देखा जा रहा है, तो उन्होंने कहा कि उन्हें अभी ऐसा कुछ नहीं बताया गया है। उनका कहना है, “हम खुद जाकर सिलेक्टर्स से बात नहीं कर सकते। हमारा काम है अच्छा प्रदर्शन करना और हर फॉर्मेट के लिए तैयार रहना।”
इंग्लैंड दौरे से पहले उनके परिवार के लिए मुश्किल वक्त आया, जब उनकी बहन अखंडा ज्योति को कैंसर डिटेक्ट हुआ। दौरे के बाद उन्होंने सबसे पहले जाकर बहन से मुलाकात की। उन्होंने बताया, “वो बहुत खुश थीं। भले ही इलाज कठिन हो, लेकिन मेरी परफॉर्मेंस देखने से उनका मन थोड़ा हल्का हो गया।”
घर लौटने के बाद उन्होंने अपनी ड्रीम कार भी खरीदी – एक लग्जरी SUV। यह सपना तब पूरा हुआ जब वे कभी टेनिस बॉल से खेलते थे और बंगाल के एक छोटे क्लब से क्रिकेट की शुरुआत की थी। बिहार के सासाराम से आने वाले आकाश दीप मानते हैं कि उन्होंने कभी बहुत ज़्यादा योजना नहीं बनाई, बस हर दिन बेहतर बनने की कोशिश की।
आकाश कहते हैं, “गाड़ी लेना अच्छा लगता है, लेकिन वो खुशी थोड़ी देर की होती है। असली खुशी परिवार की मुस्कान में है। और मेरी ज़िंदगी का असली मकसद है क्रिकेट, उसी में मेरी खुशियां हैं।”