भारत के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड की हालत खराब है। शुरुआती दो मैचों में टीम का खेल उम्मीद से बहुत नीचे रहा। इसी बीच इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज कप्तान ज्योफ्री बॉयकॉट ने दो खिलाड़ियों को खासतौर पर निशाने पर लिया है — क्रिस वोक्स और जैक क्रॉली।
बॉयकॉट ने कहा कि अब वोक्स का सबसे अच्छा दौर खत्म हो चुका है। उनका मानना है कि वोक्स की गेंदबाजी में वो तेजी और धार नहीं बची जो पहले हुआ करती थी। बॉयकॉट ने अपने अखबार कॉलम में लिखा,
“जब किसी खिलाड़ी का बेस्ट टाइम गुजर जाता है, तब उसके खेल में भी गिरावट आनी शुरू हो जाती है। ऐसे में अगर उसे टीम में बनाए रखा जाए, तो नुकसान ही होता है।”
वोक्स इंग्लैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज हैं। उन्होंने अब तक 59 टेस्ट मैच खेले हैं। लेकिन इस बार भारत में उनका प्रदर्शन फीका रहा। दो टेस्ट में उन्होंने 82 ओवर फेंके और सिर्फ 3 विकेट निकाले। बल्लेबाजी में भी उनका बल्ला नहीं चला। उन्होंने तीन पारियों में कुल 50 रन ही बनाए, जिसमें उनका बेस्ट स्कोर 38 रन रहा।
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बॉयकॉट ने कहा,
“जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, गेंदबाज की रफ्तार भी कम हो जाती है। वोक्स कभी भी विदेशों में अच्छा नहीं कर पाए। उनके विदेशी रिकॉर्ड पर नजर डालें तो वो साफ दिखता है। इंग्लैंड में उन्होंने अच्छा किया है, लेकिन विदेशों में हमेशा फ्लॉप रहे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि जब टीम के बल्लेबाज फेल होते हैं, तब वोक्स जैसे खिलाड़ी से बल्ले से भी कुछ उम्मीद की जाती है। लेकिन इस सीरीज में वो गेंद और बल्ले दोनों से फेल साबित हुए हैं।
बॉयकॉट ने सिर्फ वोक्स ही नहीं, बल्कि जैक क्रॉली को भी जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि क्रॉली शायद अब अपने खेल को और सुधार नहीं पाएंगे। भारत के खिलाफ चार पारियों में क्रॉली सिर्फ एक अर्धशतक ही लगा सके हैं।
बॉयकॉट बोले,
“मुझे नहीं लगता कि वो अपने खेल में कुछ बदल सकते हैं। बल्लेबाजी दिमाग से होती है। कौन सी गेंद छोड़नी है, कौन सा शॉट खेलना है, ये सब सोच से आता है। लेकिन क्रॉली की तकनीक और सोच दोनों में गड़बड़ी है। इसी वजह से वो बार-बार गलतियां कर रहे हैं।”
भारत दौरे पर इंग्लैंड टीम को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। शुरुआती मैचों में टीम की हार के बाद पुराने दिग्गज भी टीम पर दबाव बना रहे हैं। बॉयकॉट जैसे बड़े खिलाड़ी की ऐसी टिप्पणियां बताती हैं कि इंग्लैंड टीम में फिलहाल कितनी टेंशन चल रही है। अब देखना होगा कि वोक्स और क्रॉली जैसे खिलाड़ी इस आलोचना के बाद अपनी गेम में कोई सुधार दिखा पाते हैं या नहीं।