
टीम इंडिया का इंग्लैंड दौरा भले ही टीम प्रदर्शन के लिहाज़ से मिला-जुला रहा हो, लेकिन कुछ खिलाड़ियों ने व्यक्तिगत रूप से खुद को साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कप्तान शुभमन गिल ने जिस तरह से जिम्मेदारी निभाई, वह काबिल-ए-तारीफ रहा। वहीं केएल राहुल, ऋषभ पंत और रवींद्र जडेजा ने भी लगातार प्रदर्शन करते हुए अपना अनुभव और लय दिखा दी। मगर इन सबके बीच एक नाम ऐसा भी रहा, जिसने कम चर्चा में रहकर भी सबसे बड़ा असर छोड़ा वॉशिंगटन सुंदर। 25 वर्षीय इस युवा ऑलराउंडर ने मैनचेस्टर टेस्ट में एक ऐसी पारी खेली, जिसने न सिर्फ टीम इंडिया को हार से बचाया, बल्कि यह भी जता दिया कि वो लंबे फॉर्मेट में कितने उपयोगी खिलाड़ी हैं। दूसरी पारी में सुंदर ने रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर नाबाद 203 रन की साझेदारी कर टीम को संकट से बाहर निकाला और मैच ड्रॉ करवाया। पारी का अंत उन्होंने एक चौके के साथ किया, जो उनके टेस्ट करियर का पहला शतक भी था।
वॉशिंगटन सुंदर को इस मैच में टीम मैनेजमेंट ने बल्लेबाज़ी क्रम में प्रमोट करते हुए 5वें नंबर पर भेजा, और उन्होंने शानदार तरीके से इस मौके को भुनाया। मैच के बाद सुंदर ने बयान में कहा, “वॉशिंगटन को लगातार पांचवें नंबर पर बैटिंग करवानी चाहिए, जैसा दूसरी पारी में हुआ और उन्हें 5-10 लगातार मौके मिलने चाहिए।” वॉशिंगटन के प्रदर्शन से तो देशभर के फैंस प्रभावित हुए ही, लेकिन उनके पिता एम सुंदर की भावनाएं थोड़ी अलग थीं। उन्होंने खुलकर कहा कि उनका बेटा लगातार अच्छा प्रदर्शन करता आ रहा है, फिर भी उसे नजरअंदाज किया जाता है। एम सुंदर ने इंटरव्यू में कहा, “वॉशिंगटन ने हमेशा जब भी मौका मिला है, खुद को साबित किया है। फिर भी बाकी खिलाड़ियों को लगातार मौके दिए जाते हैं, लेकिन मेरे बेटे को नहीं।” उन्होंने पहले टेस्ट में वॉशिंगटन को न खिलाए जाने पर भी नाराज़गी जताई और सेलेक्टर्स को सलाह दी कि ऐसे प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
दूसरे टेस्ट से शामिल होने के बाद वॉशिंगटन सुंदर ने चौथे टेस्ट तक 6 पारियों में 205 रन बना लिए और गेंद से भी 5 पारियों में 7 विकेट चटकाए। ऑलराउंडर के तौर पर यह किसी भी टीम के लिए ‘बोनस’ जैसा योगदान होता है। गौरतलब है कि सुंदर ने 2021 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा टेस्ट में डेब्यू किया था और जीत में अहम भूमिका निभाई थी। बावजूद इसके, चोटों और चयन में अनदेखी के कारण उन्हें नियमित मौके नहीं मिल पाए।