कुहनेमैन के गेंदबाजी एक्शन विवाद में विराट और बुमराह का जिक्र, ऑस्ट्रेलियाई दिग्गजों ने उठाए सवाल

कुहनेमैन के गेंदबाजी एक्शन पर उठा विवाद, विराट और बुमराह भी चर्चा में
विराट और बुमराह
विराट और बुमराहImage Source: Social Media
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ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर मैथ्यू कुहनेमैन के गेंदबाजी एक्शन को लेकर विवाद के बीच भारतीय स्टार्स विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह का नाम भी चर्चा में आ गया है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब श्रीलंकाई टीम ने हाल ही में समाप्त हुई टेस्ट सीरीज़ के दौरान कुहनेमैन के गेंदबाजी एक्शन पर सवाल उठाए।

ऑस्ट्रेलिया ने इस सीरीज़ में 2-0 से ऐतिहासिक जीत दर्ज की, जिसमें कुहनेमैन ने 17.18 की औसत से 16 विकेट चटकाए। हालांकि, अब उनके एक्शन की समीक्षा की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह वैध है या नहीं। आईसीसी के नियमों के अनुसार, बॉलिंग के दौरान कोहनी 15 डिग्री से ज्यादा मुड़ना अवैध माना जाता है।

मैथ्यू कुहनेमैन
मैथ्यू कुहनेमैनImage Source: Social Media

ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने उठाए सवाल

इस मामले पर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट लेखक बेन हॉर्न ने आईसीसी पर पक्षपात करने का आरोप लगाया और इस बहस में विराट कोहली के पुराने विवाद को भी घसीट लिया। उन्होंने कहा कि जब कोहली ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी सैम कॉन्स्टास से जानबूझकर टकराव किया था, तब उन्हें हल्की सजा दी गई थी, जबकि कुहनेमैन के मामूली एक्शन को लेकर बड़ा मुद्दा बना दिया गया है।

बेन हॉर्न ने ‘डेली टेलीग्राफ’ में लिखा:

“विराट कोहली को क्रिकेट इतिहास की सबसे हल्की सजा दी गई थी, जबकि श्रीलंका में मैच अधिकारियों ने एक ऑर्थोडॉक्स स्पिनर (कुहनेमैन) को उदाहरण बनाने के लिए बिना वजह निशाना बनाया। यह दोनों घटनाएं बिल्कुल अलग हैं और इनकी तुलना करना बेमानी है। लेकिन यह दिखाता है कि आईसीसी कैसे कमज़ोर फैसले लेती है और तभी सख्ती दिखाती है जब आसान निशाना सामने होता है।”

टिम पेन
टिम पेनImage Source: Social Media

बुमराह की गेंदबाजी एक्शन से तुलना

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान टिम पेन ने इस मामले में जसप्रीत बुमराह का भी नाम लिया और कहा कि कुहनेमैन का एक्शन बुमराह से मिलता-जुलता है।

SEN रेडियो से बातचीत में पेन ने कहा:

“मुझे लगता है कि कुहनेमैन के एक्शन में हल्का फ्लेक्शन (मोड़) है, जो जसप्रीत बुमराह की तरह दिखता है। लेकिन बुमराह को हमेशा कहा जाता है कि उनकी आर्म ‘हाइपरएक्सटेंड’ होती है, न कि मुड़ती है। क्रिकेट में किसी गेंदबाज पर थ्रोइंग का आरोप लगना बहुत गंभीर मामला है। यह किसी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाने जैसा है। कुहनेमैन के लिए यह काफी मुश्किल स्थिति होगी। वह शायद दिन के अंत में खुद को बेहतरीन महसूस कर रहे होंगे, लेकिन जब होटल पहुंचे होंगे, तब उन पर करियर बचाने की चिंता सवार हो गई होगी।”

आईसीसी की निष्पक्षता पर सवाल

यह पहली बार नहीं है जब आईसीसी के फैसलों पर सवाल उठे हैं। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स और पत्रकारों का मानना है कि कुहनेमैन को अनावश्यक रूप से निशाना बनाया जा रहा है, जबकि भारतीय खिलाड़ियों को ऐसी स्थिति में हल्की सजा मिलती है। अब देखना होगा कि आईसीसी इस मामले में कुहनेमैन के गेंदबाजी एक्शन को वैध ठहराती है या उन पर प्रतिबंध लगता है।

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