वैभव सूर्यवंशी ने बनाया एक खास रिकॉर्ड, बने सबसे कम उम्र में यूथ टेस्ट में विकेट लेने वाला भारतीय

By Nishant Poonia

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भारतीय क्रिकेट में नई कहानियां हर दिन बन रही हैं और अब इस लिस्ट में एक और नाम जुड़ गया है — वैभव सूर्यवंशी। महज 14 साल की उम्र में इस बच्चे ने वो कर दिखाया, जो बहुतों का सपना होता है। इंग्लैंड अंडर-19 के खिलाफ चल रहे पहले यूथ टेस्ट मैच में वैभव ने अपने करियर का पहला विकेट लिया और इसी के साथ इतिहास रच दिया।

दिल्ली का उभरता सितारा

वैभव सूर्यवंशी दिल्ली से हैं और अभी उनकी उम्र सिर्फ 14 साल और 107 दिन है। इंग्लैंड के खिलाफ बेकेनहम में चल रहे इस टेस्ट मैच में जैसे ही उन्होंने अपना पहला विकेट लिया, वो भारत के लिए यूथ टेस्ट में सबसे कम उम्र में विकेट लेने वाले खिलाड़ी बन गए। इससे पहले ये रिकॉर्ड मनीषी के नाम था, जिन्होंने 2019 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 15 साल की उम्र में यह कमाल किया था।

ऐसे लिया अपना पहला विकेट

मैच के दूसरे दिन इंग्लैंड की टीम बैटिंग कर रही थी। वैभव ने 45वें ओवर की आखिरी गेंद पर इंग्लैंड के कप्तान हमजा शेख को आउट किया। ये गेंद एक फुल टॉस थी, जिसे बल्लेबाज ने लॉन्ग-ऑफ की ओर खेला, लेकिन वहां फील्डिंग कर रहे हेनिल पटेल ने कोई गलती नहीं की और आसान कैच पकड़ लिया। इसी के साथ वैभव के नाम एक यादगार विकेट जुड़ गया।

भारत की शानदार बैटिंग

इससे पहले भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बड़ा स्कोर खड़ा किया। आयुष म्हात्रे ने शानदार 102 रन बनाए, वहीं अभिज्ञान 90 और राहुल कुमार ने 85 रनों की उम्दा पारी खेली। इन पारियों की बदौलत भारत ने अपनी पहली पारी में 540 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया।

इंग्लैंड की हालत टाइट

जब इंग्लैंड की टीम बैटिंग करने उतरी, तब स्टंप्स तक उनका स्कोर 5 विकेट पर 230 रन था। भारत की तरफ से हेनिल पटेल ने भी अच्छी गेंदबाजी की और दो विकेट चटकाए।

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दुनिया के सबसे युवा गेंदबाजों की लिस्ट में नाम

वैभव का नाम अब दुनिया के सबसे कम उम्र में यूथ टेस्ट विकेट लेने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में भी शामिल हो गया है। इस लिस्ट में पहले नंबर पर पाकिस्तान के महमूद मलिक हैं, जिन्होंने 1994 में 13 साल और 241 दिन की उम्र में न्यूजीलैंड के खिलाफ विकेट लिया था। उनके बाद हिदायतुल्ला खान (13 साल 251 दिन), निहदुज्जमां (14 साल 139 दिन) और अरिफुल हक (14 साल 231 दिन) जैसे नाम आते हैं।

वैभव की उपलब्धि खास क्यों?

इसलिए क्योंकि इतनी कम उम्र में इंटरनेशनल लेवल पर खेलना ही बड़ी बात है। वहां विकेट लेना तो और भी बड़ी बात है। वैभव ने अपनी काबिलियत से साबित कर दिया कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य बहुत सुरक्षित हाथों में है।

अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि ये होनहार युवा अगले मैचों में क्या कमाल करता है। क्या पता आने वाले समय में यही बच्चा भारत के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में भी शानदार प्रदर्शन करे और एक बड़ा स्टार बन जाए।

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