
भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज अब अपने अंतिम मुकाम पर पहुंच चुकी है। भारत इस समय सीरीज में पीछे चल रहा है और अगर उसे बराबरी करनी है तो 31 जुलाई से ओवल में होने वाले इस आखिरी टेस्ट मुकाबले को हर हाल में जीतना होगा। दूसरी ओर, इंग्लैंड को सीरीज जीतने के लिए सिर्फ ड्रॉ की जरूरत है। ऐसे में यह मुकाबला टीम इंडिया के लिए 'करो या मरो' जैसा है। और इस लड़ाई में टॉस एक बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। कप्तान शुभमन गिल ने अब तक इस सीरीज में खेले गए चारों टेस्ट मैचों में टॉस गंवाया है। अगर गिल इस आखिरी मुकाबले में भी टॉस नहीं जीत पाए, तो यह भारत की मुश्किलों को और बढ़ा सकता है। ओवल के मैदान के हालिया आंकड़े यही संकेत दे रहे हैं कि यहां टॉस जीतने वाली टीम को ही जीत का ज़्यादा मौका मिला है।
साल 2017 से अब तक ओवल में कुल 8 टेस्ट मुकाबले खेले गए हैं, जिनमें से 6 बार पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम विजयी रही है। यह साफ दर्शाता है कि इस पिच पर शुरुआत में बल्लेबाज़ी करना फायदे का सौदा रहा है। भारत ने इस मैदान पर अपना आखिरी मुकाबला 2023 में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के रूप में खेला था, जहां ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 209 रनों से बड़ी जीत दर्ज की थी। हालांकि, विराट कोहली की कप्तानी में 2021 में भारत ने इसी मैदान पर इंग्लैंड को 157 रनों से हराया था। वो भी पहले गेंदबाज़ी करते हुए।
ओवल की पिच पर पहले दिन तेज गेंदबाजों को मदद जरूर मिलती है, लेकिन जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ता है, पिच में दरारें पड़ने लगती हैं और स्पिनर्स का रोल बढ़ जाता है। इससे चौथी पारी में बल्लेबाज़ी करना बेहद मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अगर भारत को इस टेस्ट में जीत दर्ज करनी है, तो टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करना सबसे समझदारी भरा फैसला होगा। भारत ने 2017 से अब तक ओवल में 3 टेस्ट मैच खेले हैं। जिसमें 2 में हार और 1 में जीत मिली है। इंग्लैंड ने इसी अवधि में 7 टेस्ट मैच खेले हैं. जिसमें उसे 5 जीत और 2 हार मिली हैं। इंग्लैंड ने इन 5 जीतों में सभी में पहले बल्लेबाज़ी की है।