
टीम इंडिया ने इंग्लैंड दौरे की जिस अंदाज़ में शुरुआत की थी, उसका समापन भी लगभग वैसा ही होता दिख रहा है। सीरीज़ के पहले मुकाबले में लीड्स टेस्ट में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 371 रन का लक्ष्य दिया था, और अब ओवल के ऐतिहासिक मैदान पर भी उसने 374 रन का पहाड़ जैसा लक्ष्य मेज़बान टीम के सामने रख दिया है। फर्क सिर्फ इतना है कि लीड्स में इंग्लैंड ने वो लक्ष्य हासिल कर लिया था, लेकिन ओवल में ये काम कर पाना उसके लिए लगभग असंभव जैसा लग रहा है और इसकी वजह सिर्फ स्कोरबोर्ड पर लिखा आंकड़ा नहीं, बल्कि ओवल का 148 साल पुराना इतिहास है।
तीसरे दिन टीम इंडिया ने दूसरी पारी में शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए 396 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। पहली पारी में 23 रन से पिछड़ने के बावजूद भारत ने दमदार वापसी की और इंग्लैंड को जीत के लिए 374 रन की चुनौती दे डाली। ये वही पैटर्न था जो हमने लीड्स टेस्ट में देखा था। जहां भारत ने दबाव में आकर जवाब में बड़ी पारी खेली थी। लेकिन इस बार सीन पूरी तरह बदल चुका है। केनिंग्टन ओवल वही ऐतिहासिक मैदान, जहां 1877 में क्रिकेट का पहला टेस्ट मैच खेला गया था, और तब से अब तक 100 से ज़्यादा टेस्ट मुकाबले यहां खेले जा चुके हैं। लेकिन इस लंबे इतिहास में आज तक कोई भी टीम इस मैदान पर 300 रन से ज्यादा का लक्ष्य हासिल नहीं कर सकी है। यहां सबसे बड़ा सफल रन चेज़ 263 रनों का है, जिसे इंग्लैंड ने साल 1902 में 1 विकेट से हासिल किया था। यानी पूरे 123 साल पहले।
ऐसे में अगर इंग्लैंड को ये मुकाबला जीतना है तो उसे न सिर्फ 123 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ना होगा, बल्कि ओवल के 148 साल पुराने टेस्ट इतिहास को भी बदलना होगा और ये काम आसान नहीं है। टीम इंडिया के लिए ये संकेत अच्छे हैं। और इस उम्मीद को और मजबूत किया टीम के स्टार तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज ने। तीसरे दिन के आखिरी ओवर की पांचवीं गेंद पर सिराज ने इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज़ जैक क्रॉली को एक घातक यॉर्कर पर क्लीन बोल्ड कर दिया। क्रॉली ने बेन डकेट के साथ मिलकर अर्धशतकीय साझेदारी की थी, लेकिन सिराज की उस आग उगलती गेंद ने भारत के लिए खेल की दिशा मोड़ दी। दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड ने 1 विकेट के नुकसान पर 50 रन बना लिए थे।