
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने इंग्लैंड दौरे से पहले भारतीय टीम को महत्वपूर्ण सलाह दी है। उन्होंने ऋषभ पंत और शुभमन गिल जैसे युवा खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई है। गांगुली ने कहा कि भारतीय बल्लेबाजों को स्विंग होती गेंदों का सामना करने के लिए मानसिक मजबूती और धैर्य की जरूरत है।
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने भारतीय टेस्ट टीम को इंग्लैंड दौरे से पहले एक अहम चेतावनी दी है। भारत को जून 2025 में इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है, जो 2025-27 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप चक्र की शुरुआत होगी। गांगुली ने खासकर कुछ युवा खिलाड़ियों जैसे ऋषभ पंत और शुभमन गिल से उम्मीद जताई है कि वे बेहतर प्रदर्शन करें, ताकि भारत इंग्लैंड में 2007 के बाद पहली बार टेस्ट सीरीज जीत सके।
गांगुली ने जताई चिंता
स्पोर्ट्स इवेंट "ट्रेलब्लेज़र्स 3.0" के दौरान गांगुली ने भारतीय बल्लेबाजों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि विराट कोहली और यशस्वी जायसवाल को छोड़कर बाकी भारतीय बल्लेबाजों का विदेशी मैदानों पर औसत 40 से भी कम है। गांगुली ने खासकर ऋषभ पंत पर ध्यान देते हुए कहा कि उन्हें स्विंग होती गेंदों को अच्छे से खेलने की आदत डालनी होगी।
गांगुली ने कहा, "ऋषभ पंत को स्विंग होती गेंदों के खिलाफ समझदारी से खेलना होगा। सिर्फ बड़े शॉट्स खेलकर टेस्ट क्रिकेट में रन नहीं बनते। इसके लिए मानसिक मजबूती, संकल्प और धैर्य की जरूरत होती है। विराट कोहली एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं, मुझे पूरा विश्वास है कि वो इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों में सफल होंगे, लेकिन यशस्वी जायसवाल, ऋषभ पंत, केएल राहुल और शुभमन गिल को भी बड़ी पारियां खेलनी होंगी। अगर भारत को एक मजबूत टेस्ट टीम बनाना है, तो टॉप-6 बल्लेबाजों में से कम से कम तीन-चार का औसत 50 के आसपास होना चाहिए।"
बड़ी पारियां हैं जीत की कुंजी
गांगुली ने ये भी कहा कि इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट में सफलता पाना संभव है, लेकिन इसके लिए बड़े स्कोर बनाना जरूरी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "भारत ने जब भी विदेशों में अच्छा प्रदर्शन किया है, तब उसने 400-500 रन बनाए हैं। 2004 में पाकिस्तान दौरे पर हम मुल्तान में 600, लाहौर में 400 और रावलपिंडी में 700 रन बना पाए थे। ऑस्ट्रेलिया में भी ब्रिस्बेन, एडिलेड और सिडनी में 500-500 रन बनाकर हमने जीत हासिल की थी। टेस्ट मैच जीतने के लिए सिर्फ 200-250 रन काफी नहीं होते, यही वजह थी कि भारत ने पर्थ में जीत दर्ज की, क्योंकि हमने वहां 400 रन बनाए थे।"
गांगुली का ये संदेश भारतीय टीम के लिए एक बड़ा मोटिवेशन साबित हो सकता है, खासकर इंग्लैंड जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में।