Snicko Controversy: Ashes Series का तीसरा टेस्ट मैच पहले ही दिन एक बड़े विवाद की वजह से चर्चा में आ गया। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे इस मुकाबले में तकनीक के इस्तेमाल पर सवाल खड़े हो गए। मामला ‘स्निकोमीटर’ यानी स्निकॉ टेक्नोलॉजी से जुड़ा था, जिसे गेंद और बल्ले के संपर्क को देखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
Snicko Controversy: Ashes Test में Snicko Technology पर बड़ा विवाद
ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी के दौरान 63वां ओवर चल रहा था। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज Josh Tongue ने एक गेंद बाहर की ओर डाली। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने उस गेंद पर शॉट खेलने की कोशिश की और गेंद बल्ले के पास से तेजी से विकेटकीपर की ओर गई। विकेटकीपर जेमी स्मिथ ने पीछे शानदार कैच पकड़ लिया। उन्हें पूरा भरोसा था कि गेंद बल्ले से लगी है।
जैसे ही कैच हुआ, जेमी स्मिथ और इंग्लैंड के बाकी खिलाड़ी जोरदार अपील करने लगे। लेकिन मैदानी अंपायर अहसान रज़ा ने आउट नहीं दिया। इंग्लैंड ने बिना देर किए रिव्यू लेने का फैसला किया। इसके बाद मामला तीसरे अंपायर के पास पहुंचा।
Snicko Controversy: Review, Snicko और फैसले पर सवाल
रिव्यू के दौरान स्निकोमीटर दिखाया गया। स्क्रीन पर एक हल्का सा स्पाइक नजर आया, लेकिन दिक्कत यह थी कि वह स्पाइक गेंद के बल्ले के पास पहुंचने से 2-3 फ्रेम पहले दिखाई दे रहा था। यानी गेंद और बल्ले के बिल्कुल पास होने के समय स्पाइक नहीं था।
तीसरे अंपायर ने काफी ध्यान से रिप्ले देखा। उन्होंने कहा कि बल्ले और गेंद के बीच साफ गैप है और गेंद बल्ले के नीचे से निकल गई है। उनके मुताबिक जो स्पाइक दिखा, वह बल्ले से नहीं बल्कि किसी और वजह से आया हो सकता है। इसी आधार पर उन्होंने बल्लेबाज को नॉट आउट करार दिया।
इस फैसले से इंग्लैंड के खिलाड़ी और फैंस काफी नाराज़ नजर आए। सोशल मीडिया पर भी इस फैसले को लेकर बहस शुरू हो गई। कई लोगों का कहना था कि स्निको टेक्नोलॉजी पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता, खासकर जब स्पाइक और गेंद की टाइमिंग मैच न करे।
हालांकि अंपायरों ने नियमों के मुताबिक फैसला दिया, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर तकनीक की सीमाओं को उजागर कर दिया। इंग्लैंड को इस फैसले से नुकसान जरूर हुआ, लेकिन बाद में उन्हें राहत भी मिली जब मैच अधिकारियों ने माना कि तकनीकी गड़बड़ी की वजह से इंग्लैंड को अपना एक रिव्यू वापस दिया जाएगा।
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