पंजाब किंग्स (PBKS) की आईपीएल ट्रॉफी जीतने की खुशी इस बार सिर्फ 6 रन की दूरी पर रह गई। मंगलवार को हुए फाइनल मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने 190 रन बनाए और पंजाब किंग्स को केवल 184 रन पर रोक दिया। इस मैच में पंजाब के बल्लेबाज शशांक सिंह ने शानदार बल्लेबाजी की, उन्होंने 30 गेंदों में 61 रन बनाकर टीम को जीत के करीब पहुंचाया, लेकिन आखिरी ओवर में मिली चुनौती को पूरा नहीं कर पाए।फाइनल मुकाबला अहमदाबाद में खेला गया था, जहां पंजाब की हार का कारण खासकर शशांक सिंह का आखिरी ओवर में जॉश हेज़लवुड का एक फुल टॉस मिस करना रहा। पंजाब को आखिरी ओवर में 29 रन बनाने थे, और शशांक स्ट्राइक पर थे। उन्होंने सोचा था कि हेज़लवुड यॉर्कर डालेंगे, इसलिए वो उसके हिसाब से पोजिशन ले चुके थे। लेकिन पहले गेंद पर हेज़लवुड ने कमर के ऊपर फुल टॉस डाल दिया, जिससे शशांक थोड़ा चौंक गए।
पहले दो गेंदों पर कोई रन नहीं बना। फिर शशांक ने अगले चार गेंदों पर 22 रन बनाए और टीम को जीत के करीब ले आए। लेकिन यह प्रयास अंत तक मैच नहीं बचा पाया।शशांक ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, “मैंने आखिरी दो ओवरों की योजना पहले ही बना ली थी। मुझे पता था कि भुवी (भुवनेश्वर कुमार) यॉर्कर डालेंगे, इसलिए मैंने उनसे 16-17 रन बनाने का प्लान बनाया था। मैंने सोचा था कि आखिरी ओवर में हमें 24 रन चाहिए होंगे। लेकिन भुवी के ओवर में मैं सिर्फ 13 रन ही बना पाया, इसलिए आखिरी ओवर में 30 रन चाहिए थे।”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने दिमाग में रखा था कि पहली गेंद यॉर्कर आएगी, इसलिए अपने आप को उसी हिसाब से तैयार किया था। लेकिन जब फुल टॉस आया, खासकर मेरी टांग पर, तो मैं चौंक गया। अगर मैं उसे बल्ले से छू भी लेता, तो शायद बड़ा शॉट लग सकता था। मुझे लगा कि हेज़लवुड कोई वाइड भी दे सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आखिरी गेंद पर 12 रन चाहिए थे, तब मुझे पता चल गया कि मैच हार गया।”
मुकाबले के बाद जब शशांक ड्रेसिंग रूम गए, तो वे अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाए और रोने लगे। लोगों ने उनकी कड़ी मेहनत की तारीफ की, लेकिन वे खुद को उस फुल टॉस मिस के लिए बहुत जिम्मेदार मानते हैं।उन्होंने कहा, “मैं अंदर से मजबूत इंसान हूं, लेकिन जब मैंने पांचवीं गेंद पर छक्का लगाया और देखा कि आखिरी गेंद पर 12 रन चाहिए, तो मेरा दिल टूट गया। ड्रेसिंग रूम में सबने पूछा कि क्यों रो रहे हो, तो मैंने कहा कि बस खुद को रोक नहीं पा रहा हूं।”
शशांक के लिए यह पल बेहद दर्दनाक था। होटल से लेकर ग्राउंड, एयरपोर्ट से लेकर घर तक हर कोई उन्हें उसी फुल टॉस की याद दिला रहा था। उन्होंने कहा, “मुझे बहुत बुरा लगा। वो गेंद मेरी कमर के पास थी, फाइन लेग बहुत पास था, बस बल्ला सही लगाना था।”लेकिन इस हार ने शशांक को हार मानने नहीं दिया। उन्होंने अगले सीजन के लिए बड़ा सपना देख लिया है। “अगले साल हम फिर बैंगलोर में फाइनल खेलेंगे और इस बार ट्रॉफी उठाकर जाएंगे,” उन्होंने भरोसा जताया।
पंजाब किंग्स के फैंस को अब शशांक और टीम से उम्मीदें बड़ी हैं कि वे अगली बार आईपीएल ट्रॉफी अपने नाम करेंगे। इस हार से मिली सीख उनके लिए एक नई शुरुआत साबित होगी।