पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ का आखिरी मुकाबला इंग्लैंड और भारत के बीच ओवल में खेला गया। लंदन के बादलों से भरे आसमान और हल्की बूंदाबांदी के बीच मोहम्मद सिराज ने जो गेंदबाज़ी की, उसने सिर्फ इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों को नहीं, बल्कि पुराने क्रिकेट प्रेमियों को भी हिला दिया। सिराज की धारदार गेंदबाज़ी ने भारत को यादगार जीत दिलाई और इसी प्रदर्शन को देखकर पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह ने कहा कि सिराज को देखकर उन्हें कपिल देव की याद आ गई।
ये मुकाबला बेहद कड़ा था। चौथे दिन बारिश के कारण खेल जल्दी खत्म हो गया था और आखिरी दिन मैच सीधे रोमांच की ओर पहुंच गया। इंग्लैंड को जीत के लिए सिर्फ 35 रन चाहिए थे जबकि भारत को चार विकेट लेने थे। ऐसे में सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने मिलकर वो करिश्मा कर दिखाया जिसकी उम्मीद हर भारतीय दर्शक को थी। हल्की बारिश और फिसलन भरी ज़मीन पर भी दोनों तेज़ गेंदबाज़ों ने एक के बाद एक विकेट गिराकर इंग्लैंड की उम्मीदों को तोड़ दिया।
Yograj Singh , जो खुद तेज़ गेंदबाज़ रह चुके हैं, सिराज के प्रदर्शन से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने खुलेआम उसकी तारीफ की। उन्होंने कहा कि सिराज की गेंदबाज़ी में वही जोश और तेज़ी थी जो कभी कपिल देव में देखा करते थे। उन्होंने ये भी कहा कि शुबमन गिल की कप्तानी में भी बहुत परिपक्वता दिखी और ये कतई नहीं लगा कि वो पहली बार विदेश में टीम की कमान संभाल रहे हैं।
मैच के आखिरी पलों में जब सबकी नज़रें इस बात पर टिकी थीं कि भारत कैसे जीत हासिल करेगा, तब सिराज ने मैच का सबसे शानदार पल दिया। उन्होंने अपनी 1,113वीं गेंद पर एक दमदार यॉर्कर फेंकी, जो सीधे जाकर इंग्लैंड के बल्लेबाज़ गस एटकिनसन के स्टंप्स से टकराई और उन्हें पवेलियन भेज दिया। इस विकेट के साथ ही भारत ने सिर्फ 6 रन से मैच जीत लिया। सिराज ने इस पारी में 5 विकेट झटके और पूरे मैच में 9 विकेट लेकर भारत की जीत के हीरो बन गए।
पूरी सीरीज़ में सिराज का प्रदर्शन कमाल का रहा। उन्होंने पांचों टेस्ट मैचों में लगातार गेंदबाज़ी की, बिना थके, बिना रुके। इस दौरान उन्होंने कुल 1,113 गेंदें फेंकी और 23 विकेट हासिल किए। उनका गेंदबाज़ी औसत रहा 32.43, जो इतने लंबे फॉर्मेट में बहुत अच्छा माना जाता है। सिराज ने दिखा दिया कि अगर इरादा मज़बूत हो और टीम के लिए खेलने का जज़्बा हो, तो कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं होता।
सिराज की मेहनत सिर्फ विकेटों तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने टीम के लिए हमेशा खुद को आगे रखा। जहां बाकी गेंदबाज़ थक जाते हैं या रोटेशन में आराम करते हैं, वहीं सिराज लगातार टीम के लिए मैदान पर डटे रहे। उन्होंने गेंदबाज़ी में न सिर्फ रफ्तार दिखाई बल्कि सही लाइन और लेंथ के साथ बल्लेबाज़ों को लगातार परेशान किया। ये एक ऐसे गेंदबाज़ की पहचान है जो सिर्फ विकेट नहीं लेता, बल्कि मैच का रुख भी बदल सकता है।
दूसरी ओर कप्तान शुबमन गिल की बात करें, तो उनकी कप्तानी को लेकर भी योगराज सिंह ने तारीफ की। उन्होंने कहा कि गिल ने जिस तरह से पूरे मैच में खिलाड़ियों को हैंडल किया, फील्डिंग सजाई और गेंदबाज़ों का इस्तेमाल किया, वो काबिल-ए-तारीफ था। एक युवा कप्तान के तौर पर गिल ने न सिर्फ मैदान पर अपनी समझदारी दिखाई, बल्कि खिलाड़ियों में भी भरोसा जगाया।
इस जीत के साथ भारत ने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ को 2-2 से बराबर किया। ये सिर्फ एक मैच नहीं था, बल्कि एक बड़ा संदेश था कि भारतीय टीम किसी भी हालात में, किसी भी मैदान पर जीत हासिल कर सकती है। सिराज की ये परफॉर्मेंस लंबे समय तक याद रखी जाएगी। योगराज सिंह का ये कहना कि उन्हें सिराज में कपिल देव की झलक दिखी, कोई छोटी बात नहीं है। कपिल देव भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े नामों में से एक हैं और अगर किसी खिलाड़ी को उनकी तरह बताया जा रहा है, तो इसका मतलब है कि उसमें सच में कुछ खास है।
सिराज ने न सिर्फ विकेट लिए, बल्कि एक भरोसा भी जगाया कि भारत के पास अब भी ऐसे तेज़ गेंदबाज़ हैं जो मुश्किल हालात में भी कमाल कर सकते हैं। आने वाले वक्त में उनसे और भी बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद की जा सकती है।